W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

कृषि कानूनों का विरोध कर किसानों ने पीएम मोदी के 'मन की बात' का थाली बजा कर किया विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 72वें संस्‍करण में अपने विचार साझा क्र रहे थे, तो उसी समय दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र द्वारा लाये गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान थाली बजा रहे थे।

12:59 PM Dec 27, 2020 IST | Desk Team

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 72वें संस्‍करण में अपने विचार साझा क्र रहे थे, तो उसी समय दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र द्वारा लाये गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान थाली बजा रहे थे।

कृषि कानूनों का विरोध कर किसानों ने पीएम मोदी के  मन की बात  का थाली बजा कर किया विरोध
Advertisement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जब आकाशवाणी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 72वें संस्‍करण में अपने विचार साझा कर रहे थे, तो उसी समय दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र द्वारा लाये गए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान थाली बजा रहे थे।
Advertisement
 गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने मन की बात शुरू होते ही हाथों में ड्रम और थालियां लेकर बजाना शुरू कर दिया। किसानों का कहना है कि, मोदी जी के मन की बात का हम विरोध करते हैं। सरकार जब तक कानून वापस नहीं लेती, हम इसी तरह प्रधानमंत्री का विरोध करते रहेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोरोना थाली बजाने से भागेगा, उसी तरह किसान भी थाली बजा रहें हैं ताकि कृषि कानूनों को भगाया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि, ये बस सरकार के लिए सुधार संकेत है कि सरकार जल्द सुधर जाए। 29 दिसंबर को हम सरकार के साथ मुलाकात करेंगे। वहीं नया साल सबके लिए शुभ हो और मोदी जी भी कानून वापस ले लें तो हम किसान भाइयों के लिए भी शुभ हो। दरअसल किसानों ने 29 दिसंबर को सरकार के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं इस वार्ता में 4 मुद्दों का एजेंडा भी तय किया गया है।
Advertisement

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के कार्यक्रम में गुरु गोविंद और बाघों की आबादी समेत कई मुद्दों का किया जिक्र

Advertisement
Author Image

Advertisement
Advertisement
×
© Copyright, All Rights Reserved.