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अयोध्या धाम सबसे पवित्र तीर्थ व लोकप्रिय पर्यटन स्थल

02:31 AM Jan 16, 2024 IST | Sagar Kapoor

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर आज न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में अपूर्व आस्था और उत्साह का माहौल है। यहां तक कि पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान की सभी टी.वी. चैनलों पर भी श्रीराम और अयोध्या धाम की ही चर्चा चल रही है। यह एक ऐसा अवसर है, जिसका इंतजार भारत कई शताब्दियों से कर रहा था। लंबे संघर्ष और विवाद के बाद नौ नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के साथ शुरू हुआ अयोध्या में मंदिर निर्माण का सफर 22 जनवरी को एक बड़ी पूर्णाहुति को प्राप्त करेगा। नव्य और भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ एक ऐसा ऐतिहासिक चरण पूरा होगा, जो आधुनिक भारत में सांस्कृतिक नवजागरण का शीर्ष साक्ष्य होगा।
30 दिसंबर 2023 को अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्र में 11,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का भारत पुरातन और नूतन दोनों को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ रहा है।
अयोध्याधाम के साथ विकसित हो रहा भगवान राम का जन्मस्थान मंदिर आधुनिक भारत का एक ऐसा महान तीर्थ बनने जा रहा है, जो माननीय प्रधानमंत्री के विरासत और विकास के विजन के अनुरूप है। दुनिया में कोई भी देश हो, अगर उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचना है, तो उसे अपनी पुरातन विरासत को तो संभालना ही होगा। हमारी विरासत, हमें प्रेरणा देती है, हमें सही मार्ग दिखाती है। आज अयोध्या की शोभा देखते ही बनती है। सूर्यवंशी राजा राम की नगरी अयोध्याा में जगह-जगह सूर्यस्तंभ लगाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में कांस्य की बनी विशाल जटायु प्रतिमा भी लगाई गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में हवाई अड्डे का लोकार्पण करते हुए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के यहां आने की सुगमता पहले ही बढ़ा दी है। हाईटेक रेलवे स्टेशन के निर्माण से तो अयोध्याधाम की कनेक्टिविटी और भी बढ़ गई है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से लेकर यहां पर चल रही विकास परियोजनाओं को समय पर लागू करने का श्रेय़ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी जाता है। उन्होंने दिन-रात मेहनत कर यह सुनिश्चित किया ताकि अयोध्या को संसार के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल का दर्जा प्राफ्त हो जाए।
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश से श्रद्धालुओं का आना बढ़ जाएगा। यहां बनने जा रही नई टाउनिशप यहां के लोगों का जीवन और आसान बनाएगी। इसके लिए कई स्तरों पर कई क्षेत्रों में तेजी से कार्य हो रहा है। आवाजाही की सुगमता के लिए यहां जगह-जगह मल्टीजलेवल पार्किंग बन रही है। यहां इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की भी पर्याप्त सुविधा भी रहेगी।
अयोध्या में भक्तिपथ, रामपथ, जन्मभूमि पथ, धर्मपथ आदि का लोकार्पण भी होना है। इसी तरह नए मेडिकल कॉलेज से यहां आरोग्य की सुविधाओं को और विस्तार मिलेगा। सरयू नदी में गिरने वाले दूषित पानी को रोकने के लिए भी काम शुरू हुआ है। राम की पैड़ी को एक नया स्वरूप दिया गया है। सरयू किनारे नए-नए घाटों का विकास हो रहा है, यहां के सभी प्राचीन कुंडों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। लता मंगेशकर चौक हो या रामकथा स्थल, ये आज अयोध्या की पहचान बढ़ा रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ रोजगार के कई अवसर सृजित हो रहे हैं। विगत तीन वर्षों में विश्व ने अयोध्या की भव्य दीपावली देखी है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश-विदेश में उत्साह है। समारोह के लिए थाईलैंड के राजा ने वहां की मिट्टी भेजी है। कंबोडिया से सुगंधित हल्दी आई है। कई और देशों से इस महान अवसर के लिए अनमोल भेंट आने का सिलसिला जारी है। इसी तरह देश के विभिन्न प्रदेशों से भी भेंट और पूजन सामग्री अयोध्या पहुंच रही है। जोधपुर से 600 किलोग्राम गाय का घी आया है, तो जनकपुर से मिथिला आर्ट पेंटिंग आई है। इस पेंटिंग में माता सीता के धरती की गोद से जन्म से लेकर उनका प्रभु राम से विवाह तक के प्रसंगों को दर्शाया गया है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज सवा सौ करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं के प्रतिबिंब हैं। उनके मार्गदर्शन में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक अटल संकल्प का पूरा होना है। उन्होंने जब भूमि पूजन और मंदिर निर्माण के शिलान्यास के साथ अयोध्या में चिर प्रतीक्षित राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया तो यह प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का क्षण था। देश और दुनिया के लिए यह पांच शताब्दीय लंबे धैर्य का पूरा होना था, आस्था के लिए एक लंबे संघर्ष का विजय पर्व था। 5 अगस्त, 2020 को जिस मंदिर के निर्माण का शुभारंभ हुआ, वह 22 जनवरी 2024 को भारतीय चेतना और आस्था का महान साक्ष्य बनने जा रहा है।
2014 में केंद्र में माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनने के साथ भारत ने परंपरा और संस्कृति को केंद्र में रखकर विकास की एक ऐसी राह पकड़ी है, जिसे आज पूरी दुनिया गौर से देख रही है। आज हम सांस्कृतिक गौरव के उस शानदार दौर में हैं, जब अयोध्या में जहां भव्य राममंदिर का निर्माण पूरा होने जा रहा है, तो वहीं काशी में विश्वनाथ धाम भारत की सांस्कृतिक राजधानी का गौरव बढ़ा रहा है। सोमनाथ में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। उत्तराखंड में बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारनाथ-बद्रीनाथ तीर्थ क्षेत्र में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। इसी कड़ी में उज्जैन में अतिभव्य ‘महाकाल लोक’ भी अतीत के गौरव के साथ भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो चुका है।
अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण और इसके साथ जुड़ी करोड़ों लोगों की आस्था यह बताती है कि नीति और मर्यादा के साथ विकास और समृद्धि हमारी महज इच्छा नहीं, बल्कि यह हमारा सनातन बोध और संस्कार रहा है। भारत के समावेशी बोध और दृष्टि पर आज पूरी दुनिया को भरोसा है। प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की वैश्विक लोकप्रियता और स्वीकृति इसकी मिसाल है। यह नेतृत्व लंबे समय तक भारत के साथ पूरे विश्व का पथ आलोकित करे, यह हमारे समय की पुकार है। श्रीराम की अयोध्या को उसका गौरवशाली स्थान मिलने से सारा भारत प्रसन्न है।

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