Bajau Community 200 फीट गहरे समुंद्र में करती है खेती, पानी में मिनटों तक रोक लेती है सांस, जानिए इनसे जुड़े Interesting Facts
बजाऊ कम्युनिटी के लोग बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही करीब 200 फीट गहरे समंदर की तलहटी तक पहुंच जाते हैं और फिर वहां छिपी मछलियों और दूसरे समुद्री जीवों को अपने भाले से मारकर ऊपर ले आते हैं। इस दौरान वे करीब 5 से 13 मिनट तक अपनी सांस आसानी से रोक लेते हैं।
01:46 PM Sep 14, 2023 IST | Khushboo Sharma
समुंद्र के नीचे बना ऐसा गांव जहां अब भी लोग रहते है और खेती करते है। शायद में सुननें में थोड़ा अटपटा लग रहा होगा और आप शायद सोच रहे होंगे कि हम यहां किसकी बात कर रहे हैं। क्योंकि समुंद्र तो काफी विशाल, गहरा और डरावना है ऐसे में समुंद्र में कोई कैसे रह सकता है? और सांस कैसे ले सकता है? क्योंकि हम पानी के नीचे हद से हद 30 सेंकड तक सांस रोक कर रह सकते हैं। हालांकि जो लोग इसमें एक्सपर्ट होते है वे 1 मिनट तक अपनी सांस रोक सकते है लेकिन यहां हम जिसकी बात करने वाले है उस समुदाय के लोग 5 से 13 मिनट तक अपनी सांसें रोक लेते हैं।
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इस जनजाति का नाम बजाऊ कम्युनिटी है। बता दें, कई सौ साल पहले फिलीपींस के लोगों ने उन्हें अपनी धरती से निकाल दिया था। जिसके बाद इन्होंने समुद्र पर ही गांव बसा लिया। इन्हें समुद्र के बंजारे भी कहते हैं। ये लोग बांस के बने खंभों के सहारे खड़े घरों में रहते हैं। वहीं कुछ लोग नावों पर जीवन गुजारते हैं। इनके बच्चे भी नाव चलाने और मछली पकड़ने में माहिर हैं। आप को जानकर हैरानी होगी ये कम्युनिटी जमीन पर बहुत ही कम नजर आती हैं और हमेशा पानी के अंदर रहना पसंद करते हैं।

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वहीं, पेट पालने के लिए ये लोग सी-फूड की तलाश में समुद्र की तलहटी खोदते हैं। ये लोग गहरे पानी में उतरकर अपनी आंखों से अच्छे से देखकर शिकार करते हैं। खास बात ये है कि जब ये समंदर में उतरते हैं तो उनकी आंखें पूरी तरह खुली होती हैं। देखने में ये छोटी डॉल्फिन की तरह नजर आते हैं। मालूम हो, ये लोग आज भी मछलियों को पकड़ने के लिए भाले का इस्तेमाल करते हैं। साथ ही, बजाऊ कम्युनिटी के लोग बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के ही करीब 200 फीट गहरे समंदर की तलहटी तक पहुंच जाते हैं और फिर वहां छिपी मछलियों और दूसरे समुद्री जीवों को अपने भाले से मारकर ऊपर ले आते हैं। इस दौरान वे करीब 5 से 13 मिनट तक अपनी सांस आसानी से रोक लेते हैं।

बता दें, एक रिसर्च में पता चला कि इनका इम्युन सिस्टम धरती पर रहने वाले लोगों की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा होता है। रिसर्च के अनुसार, इनके रेड ब्लड सेल्स को रिसाइकल करने वाले प्लीहा (spleen) का साइज सामान्य लोगों की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा पाया गया। इसके चलते वे एक बार ऑक्सीजन खींचने के बाद देर तक उसे शरीर में रखकर यूज कर पाते हैं। जब कोई इंसान समुद्र में गोता लगाता है तो प्रेशर बढ़ने से फेफड़ों की नसों में ज्यादा खून भरने लगता है। ऐसे में स्थिति गंभीर होने पर नसें फटने से मौत भी हो सकती है। हालांकि इन्हें कुछ नहीं होता है।
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