टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

‍BCCI को SC से मिली राहत, एक राज्य एक वोट में किया बदलाव

NULL

01:10 PM Aug 09, 2018 IST | Desk Team

NULL

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को BCCI के संविधान पर फैसला सुनाया है। इस फैसले से बीसीसीआई को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने एक राज्य एक वोट में बदलाव किया है। कोर्ट ने बडौदा, सौराष्ट्र, सर्विसेज, रेलवे को सदस्य बनाया है और मुंबई, विदर्भ व महाराष्ट्र भी सदस्य रहेंगे. कूलिंग पीरियड अब तीन साल से बढ़ाकर दो टर्म यानी 6 साल का कर दिया है. 70 साल की उम्र का कैप और सरकारी अफसर व मंत्री वाली अयोग्यता बनी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्तों में संविधान में बदलाव लागू करने को कहा है।

Advertisement

इस मामले की पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि कोई कूलिंग ऑफ पीरियड नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के मसौदा संविधान को अंतिम रूप देने पर उसके द्वारा फैसला सुनाये जाने तक सभी राज्य क्रिकेट संघों के चुनाव कराने पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने साथ ही इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने हाईकोर्ट से कहा कि राज्य क्रिकेट संघों के लिये प्रशासकों की नियुक्ति से जुड़ी किसी भी याचिका को विचारार्थ स्वीकार नहीं किया जाए।

अदालत ने कहा कि वह ‘एक राज्य, एक मत’ और बीसीसीआई पदाधिकारियों के लिये ब्रेक से संबंधित पूर्व फैसले में संशोधन पर विचार करेगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की, ‘लोढ़ा कमेटी के कूलिंग ऑफ की सिफारिश को हम नहीं मान रहे, हम BCCI के सुझाव को मानने को तैयार हैं।’ 70 साल की उम्र की कैप पर सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने कहा कि जज रिटायर होकर 70 साल की उम्र में अध्यक्षता कर रहे हैं।

इस पर जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि अध्यक्षता खेल नहीं है। महाराष्ट्र एसोसिएशन ने कहा कि 70 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति देश चला सकता है तो सदस्य क्यों नहीं बन सकता। नेताओं को अलग नहीं रखा जा सकता। दरअसल, लोढ़ा पैनल ने सिफारिश की थी कि तीन साल के कार्यकाल के बाद सदस्यों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड होना चाहिए। लेकिन BCCI ने सुझाव दिया था कि कूलिंग ऑफ के बजाय किसी और पद पर चुनाव लड़ सके।

Advertisement
Next Article