टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलtravelवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

हाथ में कलावा बांधना होता है शुभ, जानें अनसुनी बातें

हिंदू शास्‍त्रों में पूजा-पाठ या कर्मकांड को अपना एक महत्तव होता है। संगत और विज्ञान के आधार पर भी पूजा-पाठ के बारे में बताया गया है।

01:10 PM Nov 25, 2019 IST | Desk Team

हिंदू शास्‍त्रों में पूजा-पाठ या कर्मकांड को अपना एक महत्तव होता है। संगत और विज्ञान के आधार पर भी पूजा-पाठ के बारे में बताया गया है।

हिंदू शास्‍त्रों में पूजा-पाठ या कर्मकांड को अपना एक महत्तव होता है। संगत और विज्ञान के आधार पर भी पूजा-पाठ के बारे में बताया गया है। तिलक लगाना हो, पैर छूना, तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाना हो या यज्ञ-हवन हो इन सबके पीछे एक खास महत्तव है। साथ ही वैज्ञानिक कारण भी इनके पीछे बताया गया है। 
Advertisement
ऐसी ही हाथ में कलावा बांधे की वैदिक परंपरा है। मौली भी कलावा को बोलते हैं। लाल या पीले रंग का कलावा पूजा के दौरान हाथ में बांधा जाता है। इतना ही नहीं किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के दौरान भी कलावा बांधा जाता है। अगर कोई नई चीज खरीदी है उस दौरान भी उसे कलावा बांधा जाता है। 
शास्‍त्रों के अनुसार ये महत्व है कलावा बांधने का 
कच्चे सूत के धागे से कलावा बनता है। लाल रंग, पीले रंग, दो रंगों या पांच रंगों की मौली होती है। शास्‍त्रों में बताया गया है कि देवी लक्ष्मी और राजा बलि ने कलावा बांधने की परंपरा को शुरु किया था। रक्षा सूत्र भी कलावा को कहते हैं। मान्यताओं के अनुसार, कलावा कलाई में बांधने से उन संकट से रक्षा होती है जो जीवन में आने वाले होते हैं। 
ऐसा भी कहा जाता है कि ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश त्रिदेव की कृपा कलावा बांधने से व्यक्ति पर हो जाती है। कलावा बांधने का धार्मिक महत्व के साथ वैज्ञानिक महत्व भी होता है। वैज्ञानिक तौर पर भी कलावा बांधने से कई लाभ होते हैं। 
ये है कलावा बांधने का वैज्ञानिक कारण
स्वास्‍थ्य के लिए भी कलावा बांधना बहुत लाभकारी होता है। शरीर विज्ञान में बताया गया है कि शरीर में कई ऐसे नसें होती हैं जो कलाई से होकर ही प्रमुख अंगों में पहुंचती हैं। कहते हैं कि इन नसों की क्रिया कलावा कलाई पर बांधने से नियंत्रण में रहती हैं। इससे पित्त, वात और कफ होने की संभावना बनी रहती है। क्योंकि इसका प्रमुख नियंत्रण कलाई में होता है। 
कलाई में कलावा बांधने का यह मतलब होता है कि व्यक्ति स्वस्‍थ रहता है। रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह और लकवा जैसी खतरनाक बीमारियों से कलावा व्यक्ति को बचाता है। इसलिए व्यक्ति को वैज्ञानिक तौर पर कलावा बांधने की सलाह दी जाती है। 
ज्योतिष शास्‍त्र के मुताबिक यह महत्व है कलावा का
ज्योतिष शास्‍त्र में कहा गया है कि कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत रखने के लिए लाल रंग का कलावा कलाई में पहनना चाहिए। मंगल ग्रह का शुभ रंग ज्योतिष में लाल बताया गया है। 
कहा गया है कि पीले रंग का कलावा अगर व्यक्ति अपनी कलाई में बांधता है तो इससे गुरु बृहस्पति उनकी कुंडली में मजबूत हो जाता है और सुख-संपन्नता भी व्यक्ति के जीवन में आती है। कई ऐसे लोग होते हैं जो काले रंग का धागा अपनी कलाई में पहनते हैं। बता दें कि शनि ग्रह के लिए काले रंग का धागा शुभ होता है। 
Advertisement
Next Article