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Bharat Forecast System: मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर भारत बनेगा ग्लोबल लीडर

बीएफएस से भारत बनेगा मौसम पूर्वानुमान में अग्रणी

12:06 PM May 28, 2025 IST | IANS

बीएफएस से भारत बनेगा मौसम पूर्वानुमान में अग्रणी

bharat forecast system  मौसम की सटीक भविष्यवाणी कर भारत बनेगा ग्लोबल लीडर

भारत ने स्वदेशी हाई रिजॉल्यूशन भारत फोरकास्ट सिस्टम (बीएफएस) लॉन्च किया है, जो मौसम की सटीक भविष्यवाणी करेगा और आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम करेगा। यह प्रणाली भारत को मौसम के पूर्वानुमान में वैश्विक नेता बनाएगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी।

स्वदेशी हाई रिजॉल्यूशन भारत फोरकास्ट सिस्टम (बीएफएस) को लॉन्च कर दिया गया है। इससे बारिश की सटीक भविष्यवाणी हो सकेगी और किसी भी आपदा से होने वाले नुकसान को भी कम करने में मदद मिलेगी। ‘बीएफएस’ को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) के तहत भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा लॉन्च किया गया है।

इस सिस्टम में 6 किमी रिजॉल्यूशन के साथ पूर्वानुमान लगाने की क्षमता है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। यह सिस्टम मौसम विभाग को छोटे पैमाने पर मौसम की विशेषताओं का अधिक सटीक रूप से पूर्वानुमान लगाने में मददगार होगा। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आईएमडी की क्षमताओं में एक बड़ी छलांग; यह सफलता भारत को मौसम के पूर्वानुमान में ग्लोबल लीडर्स में शामिल करती है। यह पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में हमारे उदय का एक गौरवपूर्ण संकेत है।”

Bharat Forecast System

यह यूनिक फोरकास्ट सिस्टम संभावित नुकसान को बचाकर और संभावित लाभों को जोड़कर भारत की अर्थव्यवस्था को पूरक बनाएगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “यह सिस्टम मानसून ट्रैकिंग, विमानन, चक्रवात, आपदा प्रबंधन, कृषि, जलमार्ग, रक्षा, बाढ़ पूर्वानुमान को बढ़ावा देगी। साथ ही प्रमुख मंत्रालयों को भी सहायता प्रदान करेगी। इसकी खास बात यह है कि यह भारत की पंचायत स्तर की आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्हें पूरा करती है।”

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) पुणे द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित, ‘बीएफएस’ 2022 से एक्सपेरिमेंट टेस्टिंग में था। इससे उत्पन्न डेटा ने मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता को 30-64 प्रतिशत तक सुधारने में मदद की है, जो कि मानसून, नाउकास्ट (अगले दो घंटों के लिए पूर्वानुमान), अत्यधिक वर्षा की घटनाओं या चक्रवातों जैसी घटनाओं पर निर्भर करता है।

नए सिस्टम में बेहतर रिजॉल्यूशन और भौगोलिक कवरेज होगा। यह रिजॉल्यूशन भारत में अब तक इस्तेमाल किए जाने वाले पिछले 12-किमी ग्लोबल फोरकास्ट सिस्टम (जीएफएस) की तुलना में एडवांस है। इसके अलावा, सिंह ने बताया कि कैसे पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजट में वृद्धि की है। सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “जब 2014-15 में यह सरकार सत्ता में आई थी, तब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का कुल बजट मात्र 400-500 करोड़ रुपए था। आज यह कई गुना बढ़ गया है और अब 20,000 करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया है।”

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