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Bharatiya Mazdoor Sangh: भारतीय मजदूर संघ ने मनरेगा में रोजगार की अवधि बढ़ाने की मांग की

02:42 PM Jun 25, 2024 IST | Pannelal Gupta

Bharatiya Mazdoor Sangh: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा भारतीय मजदूर संघ ने मनरेगा में रोजगार की अवधि 200 दिन तक बढ़ाने और इसके दायरे में कृषि और सहयोगी क्षेत्रों को शामिल करने की मांग की है।

Highlights

भारतीय मजदूर संघ(Bharatiya Mazdoor Sangh)का निर्मला सीतारमण के साथ बैठक

भारतीय मजदूर संघ(Bharatiya Mazdoor Sangh) ने सोमवार देर शाम यहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Nirmala Sitharaman)की अध्यक्षता में केंद्रीय बजट(Union Budget 2024-25) पूर्व परामर्श बैठक में कहा कि आशा कार्यकर्ता, आंगनवाडी कार्यकर्ता, मिडडे मील कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए मानदेय बढ़या जाना चाहिए। मजदूर संघ ने कहा कि आगामी बजट में ग्रामीण विकास, छोटे उद्योगों, विनिर्माण, निर्यात और आधारभूत ढ़चा क्षेत्र पर जोर दिया जाना चाहिए। और उन्होंने मनरेगा में रोजगार(MNREGA)की अवधी को भी बढ़ाने की मांग की।

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मजदूर नेताओं की मनरेगा सहित अन्य मांग

इसके अलावा बैठक में भारतीय मजदूर संघ(Bharatiya Mazdoor Sangh) के नेताओं ने कहा कि सभी पेंशन योजनाओं में पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का पचास प्रतिशत और महंगाई भत्ता सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने पुरानी पेंशन प्रणाली बहाल करने को भी कहा। बीड़ मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए भी उचित मानदेय सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना ईपीएस 95 में सभी पेंशन धारकों को कम से कम पांच हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन और महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए और सभी पात्र परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत लाया जाना चाहिए।



रिक्त पदों को अतिशीघ्र भरने की मांग

रोजगार के मुद्दे पर भारतीय मजदूर संघ(Bharatiya Mazdoor Sangh) ने कहा कि केंद्र सरकार को लगभग 20 लाख रिक्त पदों को अतिशीघ्र भरना चाहिए। इसके अलावा नगर निगमों और पंचायत स्तर पर भी कर्मचारियों की भर्ती करने की व्यवस्था की जानी चाहिए। अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए। सभी जिला मुख्यालयों में उद्यम केंद, स्थापित किये जाने चाहिए और युवाओं की क्षमता की लाभ उठाना चाहिए। सरकार को शीघ, आठवां वेतन आयोग गठित करना चाहिए। केंद्रीय बजट में मध्यम वर्ग को आयकर में छूट दी जानी चाहिए।

(शीर्षक को छोड़कर, यह कहानी पंजाब केसरी स्टाफ द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेटेड फ़ीड से प्रकाशित हुई है )

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