भूषण भारती का पुतला फूंककर सरकार को लपेटा
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जींद : एसएस बोर्ड हरियाणा की जेई परीक्षा में ब्राह्मणों की बेटी और काले रंग को लेकर जो विवादित प्रश्र सामने आया है, उसका विरोध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को जींद में ब्राह्मण युवाओं की फौज सड़कों पर उतरी और उन्होंने इस मामले में बोर्ड के चेयरमैन तथा पेपर सेट करने वाले कर्मचारी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की मांग बुलंद करने के साथ-साथ सामान्य ज्ञान हरियाणा की उस पुस्तक का भी हवाला दिया, जिसमें ब्राह्मण समाज के खिलाफ इस तरह के प्रश्र दिये गए है। ब्राह्मणों ने सामान्य ज्ञान की पुस्तक के लेखक तथा उसके प्रकाशक के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। अखिल भारतीय ब्राह्मण स्वाभिमान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र कौशिक बाता के नेतृत्व में युवाओं ने शहर के रानी तालाब चौक पर एसएस बोर्ड के चेयरमैन भारत भूषण भारती का पुतला फूंकते हुए भाजपा सरकार पर आरोप मंढा की हरियाणा में जात-पात और रंग भेद का जहर घोलकर भाईचारा बिगाडऩे का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
नरेंद्र कौशिक बाता ने कहा कि सामान्य ज्ञान हरियाणा की जिस पुस्तक में नॉलेज के नाम पर शकुन और अपशकुन को लेकर प्रश्र तथा उनके उत्तर दिये गए है, उनमें ब्राह्मणों की बेटी को देखना तथा काले ब्राह्मणों के दर्शन को लेकर सवाल दिया गया है। इसलिए सरकार उस अरिहंत पब्लिकेशन्स द्वारा प्रकाशित पुस्तक के लेखक और प्रकाशक के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाएं। इस आंदोलन के दौरान भगवान परशुराम सेवा धाम के आशुतोष शर्मा, राकेश शर्मा, अमरजीत कौशिक, मोहित शर्मा, कपिल भारद्वाज, सचिन, अजय बराह, गंगेश शर्मा, हरिओम शर्मा, राजेंद्र प्रसाद, विनोद अत्री, संजय भारद्वाज, विशाल गौतम, हरेंद्र शर्मा, अमन, अशोक कुमार आदि भी मौजूद थे। नरेंद्र कौशिक बाता ने कहा कि एसएस बोर्ड की कार्यप्रणाली से ब्राह्मण समाज की छवि को ठेस पहुंची है, वहीं बेटियों के हितों पर भी कुठाराघात हुआ है। यह सरासर ब्राह्मण समाज को नीचा दिखाने की चाल है।
उन्होंने कहा कि जो सरकार के नुमाइंदे और कर्मचारी ब्राह्मण समाज के हित में नहीं खड़े हैं समाज उनका पुरजोर विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि इस विवादित मामले में भाजपा के मंत्रियों और विधायकों को एकजुट होकर एसएस बोर्ड के चेयरमैन को बर्खास्त करवाना चाहिए। इसके अलावा जिस भी व्यक्ति ने प्रश्र पत्र के अंदर विवादित सवाल को शामिल किया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई टीचर या आम व्यक्ति प्रश्रावली तैयार करता है तो उसे परीक्षा में भेजने से पहले जांचना चाहिए। अगर ऐसा होता तो आज ब्राह्मण समाज को यूं सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक ने जो रिग्रेट लेटर जारी किया है, उससे समाज को हुई क्षति पूरी नहीं हो सकती। इसके लिए जरूरी है कि जातीय और रंग भेद फैलाने के जुर्म में चेयरमैन और कर्मचारी को बर्खास्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में विवादित प्रश्र को लेकर केवल ब्राह्मण ही नहीं 36 बिरादरी के लोगों को आगे आकर विरोध करना चाहिए, ताकि भविष्य में सरकारें किसी विशेष जाति को यूं टारगेट ना बना सकें।
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– संजय शर्मा