पंजाब को दहलाने की बड़ी साजिश, पुलिस थाने पर रॉकेट लांचर से किया गया हमला
रॉकेट को थाने के बाहर से अंदर फेंका गया। रॉकेट हमले की वजह से खिड़की के शीशे टूट गए, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। तरनतारन पुलिस ने इस हमले की पुष्टि की और बताया कि ये हमला दरमियानी रात करीब 1 बजे हुआ
09:21 AM Dec 10, 2022 IST | Desk Team
पंजाब के तरनतारन जिले को दहलाने की बड़ी साजिश रची गई है। तरनतारन के एक पुलिस स्टेशन को कुछ अज्ञात बदमाशों ने धमाकों में उड़ाने की कोशिश की है। जिले के अमृतसर-बठिंडा हाईवे पर स्थित सरहाली पुलिस स्टेशन पर शनिवार तड़के रॉकेट लॉन्चर से अटैक किया गया। इस हमले को कुछ बदमाशों ने रात के वक्त अंजाम दिया। जिस समय रॉकेट ने पुलिस थाने पर अटैक किया, उसम समय वहां कोई मौजूद नहीं था। यही वजह रही कि इस घटना में किसी को भी चोट नहीं आई है। हालांकि पुलिस स्टेशन की बिल्डिंग को हमले के कारण नुकसान जरूरी पहुंचा है
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रनतारन पुलिस ने इस हमले की पुष्टि की
जानकारी के मुताबिक, रॉकेट को थाने के बाहर से अंदर फेंका गया। रॉकेट हमले की वजह से खिड़की के शीशे टूट गए, लेकिन कोई जनहानि नहीं हुई। तरनतारन पुलिस ने इस हमले की पुष्टि की और बताया कि ये हमला दरमियानी रात करीब 1 बजे हुआ। रॉकेट गेट से टकराया, जिसकी वजह से बिल्डिंग को मामूली नुकसान हुआ। यह अटैक तरनतारन में जनता से जुड़ी सुविधाओं के लिए बनाए गए सांझ केंद्र की बिल्डिंग (सरहाली पुलिस स्टेशन) पर हुआ। सांझ केंद्र में लोग ज्यादातर पुलिस वेरिफिकेशन और अन्य पुलिस महकमे से जुड़े कामों के लिए आते हैं। सांझ केंद्र में देर रात कोई स्टाफ मौजूद नहीं रहता। इसी वजह से इस हमले का ज्यादा असर नहीं हुआ। अगर ये हमला दिन के वक्त हुआ होता तो जनहानि के साथ-साथ भारी नुकसान हो सकता था।
खालिस्तानी आतंकियों का हाथ!
इस अटैक के पीछे सीधे तौर पर खालिस्तान समर्थक आतंकियों का हाथ बताया जा रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर खालिस्तान समर्थक आतंकियों ने पंजाब में एक्टिव अपने स्लीपर सेलों के जरिए इस घटना को अंजाम दिया है। ये हमला आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के पैतृक गांव में किया गया है। कुछ दिनों पहले रिंदा के मरने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन बाद में एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस खबर को खारिज कर दिया गया था और कहा गया था कि “रिंदा अभी भी जिंदा है।
केंद्रीय जांच एजेंसियां अलर्ट
माना जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई रिंदा को जिंदा बनाए रखना चाहती है। इसी वजह से इस हमले को रिंदा के पैतृक गांव में अंजाम दिया गया, ताकि लोग अभी भी उसे जिंदा समझे। रिंदा जिंदा है या नहीं, यह बात भी अभी तक कन्फर्म नहीं हो पाई है। इस घटना के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं।
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