Gaza क्षेत्र पर Israel को बड़ा झटका, फ्रांस के बाद अब इस मित्र देश ने की बगावत
Israel के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू Gaza क्षेत्र पर कब्जा करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घिरते नजर आ रहे हैं। यूरोप में इजराइल के सबसे बड़े सहयोगी देशों में से एक, जर्मनी ने हाल ही में इजराइल को बड़ा झटका दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जर्मनी ने यह घोषणा की कि वह अब इजराइल को हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा। यह कदम उस समय उठाया गया जब नेतन्याहू ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर पूरी तरह कब्जा करने की बात कही थी। इससे पहले फ्रांस भी नेतन्याहू की नीतियों की आलोचना कर चुका है।
जर्मनी ने क्यों उठाया ये कदम
जर्मनी ने Israel को हथियारों की आपूर्ति पर रोक इसलिए लगाई है, क्योंकि उसे यह चिंता है कि इन हथियारों का इस्तेमाल गाजा में हो सकता है, जहां नागरिकों की जान जोखिम में है। जर्मन चांसलर, फ्रेडरिक मर्ज ने कहा कि उनका देश इजराइल का समर्थन करता है, खासकर हमास के खिलाफ युद्ध में, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इजराइल का नया सैन्य अभियान किस तरह से इन लक्ष्यों को पूरा करेगा। मर्ज ने आगे कहा कि जर्मनी के लिए यह फैसला लेना जरूरी हो गया था क्योंकि गाजा में नागरिकों को भारी नुकसान हो सकता है।
Gaza में मानवीय संकट
जर्मनी का मानना है कि फिलिस्तीनी नागरिकों को मानवाधिकारों का उल्लंघन हो सकता है और उन्हें मानवीय सहायता की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र ने भी गाजा में खाद्य संकट को लेकर चेतावनी दी है और Israel पर मानवीय सहायता की आपूर्ति में बाधा डालने का आरोप लगाया है। इस संकट के बीच जर्मनी ने इजराइल को हथियारों की आपूर्ति बंद करने का फैसला लिया है, ताकि इन हथियारों का इस्तेमाल नागरिकों की हानि के लिए न हो।
नेतन्याहू की निराशा
Israelने जर्मनी के इस कदम पर निराशा व्यक्त की है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जर्मन चांसलर को फोन कर अपने देश के फैसले पर असहमति जताई है। इजराइल सरकार का कहना है कि जर्मनी ने हथियारों की आपूर्ति बंद करके आतंकवादियों के खिलाफ इजराइल के संघर्ष में बाधा डाली है और इससे हमास को बढ़ावा मिल सकता है। नेतन्याहू का कहना है कि जर्मनी ने इस फैसले से आतंकवाद को बढ़ावा दिया है और यह उनके देश की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है।
जर्मनी की सैन्य सहायता यूक्रेन को बढ़ेगी
जहां जर्मनी ने Israel को हथियारों की आपूर्ति रोक दी है, वहीं उसने यूक्रेन को सैन्य सहायता बढ़ाने का निर्णय लिया है। जर्मनी के इस फैसले पर उनकी अपनी पार्टी के कुछ सदस्य भी असहमत हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इस कदम से रूस के साथ तनाव बढ़ सकता है। हालांकि, जर्मन सरकार का मानना है कि यूक्रेन को सैन्य सहायता देना रूस के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अमेरिका की Tariff धमकी से नहीं डरा चीन! ट्रंप को दे दिया मुंहतोड़ जवाब, जानें क्या कहा?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन को चेतावनी दी गई है कि अगर वह रूस से तेल खरीदना जारी रखता है, तो उस पर “सेकेंडरी Tariff” (दूसरे स्तर का शुल्क) लगाया जा सकता है। इस पर चीन की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने शुक्रवार को एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान साफ किया कि चीन का रूस समेत अन्य देशों के साथ ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग पूरी तरह कानूनी और वैध है। उन्होंने कहा, “चीन की नीति स्पष्ट और स्थिर है। हम अपने राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाते रहेंगे।”
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में मीडिया से बातचीत में यह संकेत दिया कि अगर चीन रूस से तेल खरीदना नहीं रोकता, तो अमेरिका उस पर अतिरिक्त शुल्क (Tariff) लगा सकता है। उन्होंने कहा कि यह वैसा ही हो सकता है जैसा उन्होंने भारत के साथ किया। “मैं अभी यह नहीं कह सकता, लेकिन यह संभव है। हमने पहले भारत के साथ यह कदम उठाया था, और शायद हम कुछ और देशों के साथ भी ऐसा करें। चीन उनमें से एक हो सकता है,”