भारत की बड़ी जीत, कतर की जेल से रिहा 7 पूर्व नौसैनिक भारत लौटे
कतर की एक जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है, जिनमें से सात भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि भारत इस फैसले का स्वागत करता है।
- कतर की एक जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है
- आठ में से सात भारत लौट आए हैं
- भारत ने इस फैसले का स्वागत किया है
विदेश मंत्रालय ने कहा, भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। विदेश मंत्रालय ने कहा, रिहा किए गए आठ भारतीयों में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं।
2022 से क़तर जेल में बंद सैनिक
आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद हैं और उन पर पनडुब्बी कार्यक्रम पर कथित रूप से जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रालय ने बताया था कि मामले में दो सुनवाई हो चुकी हैं। हालाँकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये अधिकारी कतर की एक निजी कंपनी अल दहरा के साथ काम कर रहे थे। इन भारतीय नागरिकों को कथित तौर पर जासूसी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। अब तक न तो कतरी अधिकारियों और न ही नई दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया है।
भारत ने सजा पर जताई थी हैरानी
कतर की कोर्ट द्वारा पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा के ऐलान पर भारत सरकार ने हैरानी व्यक्त की थी और अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों का पता लगाने की प्रतिज्ञा की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी पूर्व अधिकारियों ने 20 साल तक नौसेना में सेवा दी है और इनका कार्यकाल बेदाग था। इन अधिकारियों ने नौसेना में ट्रेनर समेत कई अहम पदों पर काम किया था। भारत सरकार के अथक प्रयासों के बाद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है, जिनमें से सात भारत लौट आए हैं। मामले में पहले सभी को फांसी की सजा हुई थी जिसके बाद सजा को कम किया गया था, जिसकी भी भारत ने तारीफ की थी। विदेश मंत्रालय की ओर से इस मामले में दी गई थी। मंत्रालय ने लिखा था- “हमने दहरा ग्लोबल मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं, विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है। कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी अपील वाली अदालत में परिवार के सदस्यों के साथ उपस्थित थे। हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम इस मामले को कतरी अधिकारियों के साथ भी उठाना जारी रखेंगे।
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