Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

सबसे बड़ी स्पैक्ट्रम नीलामी

भारत में अब तक की सबसे बड़ी स्पैक्ट्रम नीलामी में सरकार को 1.5 लाख करोड़ की बम्पर कमाई हुई।

01:10 AM Aug 03, 2022 IST | Aditya Chopra

भारत में अब तक की सबसे बड़ी स्पैक्ट्रम नीलामी में सरकार को 1.5 लाख करोड़ की बम्पर कमाई हुई।

भारत में अब तक की सबसे बड़ी स्पैक्ट्रम नीलामी में सरकार को 1.5 लाख करोड़ की बम्पर कमाई हुई। इस नीलामी में 4 कम्पनियों ने भाग लिया, जिसमें मुकेश अम्बानी की कम्पनी ​जियो ने अपनी बादशाहत कायम की। सरकार को जो राजस्व प्राप्त हुआ वह पिछले वर्ष बेचे गए 77,815 करोड़ के 4 जी स्पैक्ट्रम से लगभग दोगुना है। यह राशि 2010 में 3जी नीलामी से मिले रुपयों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है। इस लिहाज से 4जी की तुलना में लगभग दस गुना अधिक तेज गति से सम्पर्क की पेशकश करने वाले रेडियो तरंगों के लिए सबसे अधिक बोली लगाई गई। इसके साथ ही जियो कम्पनी ने भारत में दुनिया के सबसे उन्नत 5जी नेटवर्क को रोल आउट करने और भारत को ​डिजिटल कनैक्टिविटी और डिजिटल सोल्यूशंस में वैश्विक नेता बनाने को तैयार 700, 800, 1800, 3300 मेगाहर्टज और 26 गीगाहर्टज बैंड में स्पैक्ट्रम का उपयोग करने का अधिकार प्राप्त करके सभी 22 सर्किलों में नेतृत्व की स्थिति को और मजबूत किया। इसके साथ ही जियो को पूरे भारत में 5जी सेवाएं प्रदान करने वाला एक मात्र आपरेटर बना देगा। केवल छह साल पहले लांच हुए जियो ने सबसे कम समय में सबसे बड़े 4जी नेटवर्क के रोल आउट के दौरान कई विश्व रिकार्ड बनाए हैं। नीलामी में दूसरे नम्बर पर भारती एयरटेल कम्पनी रही है। जियो ने यह ऐलान भी कर दिया है कि वह ग्लोबल स्टैंडर्ड वाली किफाय​ती 5जी सर्विस पेश करेगा। जब भारत में स्पैक्ट्रम सेवाओं की शुरूआत हुई तो काफी उदारवादी नीतियों को अपनाया गया। 2010 में इन्हीं नीतियों की आड़ में स्पैक्ट्रम घोटाला सामने आया जब भारत ने महालेखाकार और नियंत्रक (कैग) ने अपनी एक रिपोर्ट में वर्ष 2008 में किए गए स्पैक्ट्रम आवंटन पर सवाल खड़े किए। 2जी स्पैक्ट्रम की घोटाले में कम्पनियों को नीलामी की बजाय पहले आओ, पहले पाओ की नीति पर लाइसेंस दिए गए थे। कैग के अनुसार इसमें सरकारी खजाने को अनुमानतः एक लाख 76 हजार करोड़ का नुक्सान हुआ था।आरोप था कि अगर स्पैक्ट्रम लाइसेंस नीलामी के आधार पर दिए जाते तो सरकार को कम से कम एक लाख 76 हजार करोड़ हासिल हो सकते थे। यद्यपि कैग के नुक्सान के आंकड़ों पर भी कई तरह के सवाल उठे, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यालय और तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम पर भी सवाल उठे थे। मनमोहन सिंह की यूपीए गठबंधन सरकार में संचार मंत्री रहे ए. राजा पर आरोप था कि उन्होंने वर्ष 2001 में तय की गई दरों पर स्पैक्ट्रम बेच दिया, जिसमें उनकी पसंदीदा कम्पनियों को तरजीह दी गई। इन कम्पनियों से करोड़ों का धन दो नम्बर में लिया गया। आरोप था कि स्पैक्ट्रम घोटालों का पैसा ऐसे बंटा जैसे किसी ट्रक के माल को बीच राह में लूटा गया हो और लूट का माल लुटेरों में बंटा हो। पूर्व संचार मंत्री ए. राजा, द्रमुक सुप्रीमो रहे स्वर्गीय एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोझी को भी जेल जाना पड़ा। इन पर आरोप था कि उन्होंने टीवी चैनल के लिए 200 करोड़ की रिश्वत लेकर डीबी रियलटी के मालिक शाहिद बलवा की कम्पनी को ए. राजा से मिलकर स्पैक्ट्रम दिलवाया। इस घोटाले में राजनीतिक और उद्योग जगत की कई और बड़ी हस्तियों को इस मामले में अलग-अलग आरोपों में हिरासत में लिया गया। अंततः अदालत घोटाले में ए. राजा समेत जिन 14 लोगों और  तीन कम्पनियों को आरोपी बनाया गया था, उन सबको बरी कर दिया। इन लोगों के खिलाफ धारा 409 के तहत आपराधिक, विश्वासघात और धारा 120 बी के तहत आपराधिक षड्यंत्र के आरोप लगाए गए थे लेकिन अदालत को कोई सबूत नहीं मिला। लेकिन इससे मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की छवि काफी धूमिल हुई। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार के सत्ता में आने के बाद स्पैक्ट्रम की नीलामी पारदर्शितापूर्व तरीके से करने का फैसला किया गया, जिससे लगातार सरकार की कमाई बढ़ रही है।अब 5जी सेवाओं की शुरूआत सितम्बर में शुरू हो जाएगी। 5जी भारत की डिजिटल क्रांति को गति देगा, खासतौर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, वि​निर्माण और  ई-गवर्नेंस जैसे सैक्टर में मददगार साबित होगा। भारत को आर्थिक शक्ति बनाने के लिए नई प्रौद्योगिकी की जरूरत है। भारत के कोने-कोने में इस समय इंटरनेट का इस्तेमाल हो रहा है। अब 5जी का अर्थ है यह पांचवीं जनरेशन की टैक्नोलोजी है। इस तकनीक की वजह से काफी कुछ बदल जाएगा। इससे ड्राइवरलेस कार, हैल्प केयर, वर्चुअल रियल्टी, क्लाउड गेमिंग के क्षेत्र में नए-नए रास्ते खुुलते चले जाएंगे और  भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनेगा।
Advertisement
Advertisement
Next Article