'पोस्टल बैलेट की गिनती के बाद खुलेगी EVM', बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग का बड़ा बदलाव
Bihar Election 2025 EVM Rules: बिहार में आगामी नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने वोटिंग और काउंटिंग प्रक्रिया में कई अहम बदलाव किए हैं। बीते 6 महीनों में आयोग ने लगभग 30 सुधार किए हैं, जिनमें से सबसे हालिया फैसला मतगणना प्रक्रिया से जुड़ा है।
Bihar Election 2025 EVM Rules: पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने तक नहीं खुलेगी EVM
अब चुनाव आयोग ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि जब तक पोस्टल बैलेट की पूरी गिनती नहीं हो जाती, तब तक ईवीएम मशीनें नहीं खोली जाएंगी। इससे पहले अक्सर ऐसा होता था कि सुबह 8:30 बजे से ईवीएम की गिनती शुरू कर दी जाती थी, भले ही पोस्टल बैलेट की गिनती चल रही हो। लेकिन अब इस नियम में बदलाव कर दिया गया है।
EVM Counting Bihar Elections: क्यों लिया गया यह फैसला?
आयोग का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। हाल ही में कई राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे। खासकर विपक्ष की तरफ से मतगणना में गड़बड़ी और वोट डिलीट करने जैसे आरोप लगे थे। ऐसे में आयोग का मकसद है कि जनता और राजनीतिक दलों का भरोसा कायम रहे।
अगर पोस्टल बैलेट ज्यादा हुए तो अतिरिक्त व्यवस्था
यदि किसी क्षेत्र में पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक है, तो वहां अतिरिक्त टेबल लगाई जाएंगी और जरूरत पड़ने पर अधिक स्टाफ भी नियुक्त किया जाएगा। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतगणना में किसी तरह की देरी नहीं होने दी जाएगी, लेकिन प्राथमिकता पोस्टल बैलेट की गिनती को ही दी जाएगी।
Postal Ballot vs EVM Bihar: पोस्टल बैलेट से कौन कर सकता है वोटिंग?
पोस्टल बैलेट का उपयोग वो लोग करते हैं जो मतदान वाले दिन अपने क्षेत्र में नहीं रह सकते, जैसे कि सरकारी कर्मचारी या दूरदराज़ में काम करने वाले। इसके अलावा 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुज़ुर्ग और दिव्यांग मतदाता भी पोस्टल बैलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए पहले से आवेदन करना होता है। इनकी वोटिंग चुनाव से कुछ दिन पहले ही करवा दी जाती है। मतगणना के दिन सबसे पहले इन्हीं बैलेट्स की गिनती होती है और फिर उसके बाद ईवीएम के वोटों की।
अन्य बदलाव जो चुनाव आयोग ने किए
चुनाव आयोग ने बीते कुछ महीनों में और भी कई बदलाव किए हैं। जैसे अब ईवीएम में प्रत्याशियों की रंगीन फोटो और बड़े अक्षरों में नाम दिखाया जाएगा। इसके अलावा वोटर आईडी को आधार और मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के अब आवेदन स्वीकार नहीं होंगे।