बिहार चुनाव का रिजल्ट कल, कितने बजे से होगी वोटों की गिनती? जानें क्या है पूरी तैयारी
Bihar Election Result Counting Time: बिहार में दो चरणों में चुनाव संपन्न हो गए और अब लोग बेसब्री से नतीजों का इंतज़ार कर रहे हैं। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस बार बिहार की सत्ता पर किसका राज होगा। क्या नीतीश कुमार की एनडीए सरकार बिहार में वापसी करेगी या महागठबंधन के तेजस्वी यादव बिहार के असली बाजीगर बनकर उभरेंगे? इसका फैसला कल, शुक्रवार, 14 नवंबर 2025 को मतगणना के साथ होगा।
Bihar Election Result Date: 243 सीटों के लिए काउंटिंग प्रेक्षक तैनात
चुनावी परिणाम को लेकर बिहार के सभी 38 जिलों में तैयारी पूरी हो चुकी है। काउंटिंग के दिन स्ट्रांग रूम को अभ्यर्थियों और चुनाव आयोग के अभिकर्ताओं और केंद्रीय प्रेक्षकों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कराते हुए खोला जाएगा। इसके बाद काउंटिंग का कार्य शुरू होगा। राज्य में 46 काउंटिंग केंद्र बनाए गए हैं। 243 सीटों के लिए काउंटिंग प्रेक्षक तैनात किए गए हैं।
Bihar Elections 2025: कितने बजे होगी काउंटिंग शुरू?
मतगणना के समय की बात की जाए तो शुक्रवार सुबह 8 बजे से काउंटिंग शुरू होगी। सबसे पहले सर्विस वोटों ( पोस्टल बैलेट) की गिनती होगी। इसके बाद 8:30 बजे से EVM की काउंटिंग शुरू होगी। जैसे ही काउंटिंग शुरू होगी उसके दो घंटे के अंदर रुझान भी आने लगेंगे। हालांकि, धीरे-धीरे किसी सरकार बनेगी यह क्लियर हो जाएगा।
बिहार चुनाव रिजल्ट प्रक्रिया
बिहार चुनाव परिणाम प्रक्रिया में सबसे पहले मतदान संपन्न होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को सुरक्षित स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है। निर्धारित तिथि पर वोटों की गिनती जिला मुख्यालय में होती है। मतगणना की शुरुआत डाक मतपत्रों (postal ballots) से होती है, फिर ईवीएम के वोट गिने जाते हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न राउंड में गिनती होती है। प्रत्येक राउंड के बाद परिणाम अपडेट किए जाते हैं। चुनाव आयोग की निगरानी में यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की जाती है। अंत में, सर्वाधिक वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित होता है और परिणाम आयोग की वेबसाइट पर जारी किए जाते हैं।
Bihar Election Result Counting Time: यदि NOTA को सबसे अधिक वोट मिले तो क्या होगा?
अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक वोट NOTA (None of the Above) को मिलते हैं, तो इसका मतलब होता है कि मतदाताओं ने सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार कर दिया है। लेकिन भारत के चुनाव नियमों के अनुसार, NOTA को विजेता नहीं माना जाता। यानी चुनाव परिणाम रद्द नहीं होते। सबसे ज्यादा वैध वोट पाने वाला उम्मीदवार ही विजेता घोषित किया जाता है, भले ही NOTA को उससे ज्यादा वोट मिले हों। NOTA केवल जनता की असहमति दिखाने का एक माध्यम है, ताकि यह पता चल सके कि मतदाता किसी भी उम्मीदवार से संतुष्ट नहीं हैं। इससे चुनाव दोबारा नहीं होते।