बिहार: नौकरी की मांग कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज के मामले में नहीं बन सकी रिपोर्ट, जानिए पूरी अपडेट
राजधानी पटना में कुछ दिन पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया गया था, जिसकी जांच करने के लिए कमिटी बनाया गई थी, लेकिन उसने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। कमिटी ने अब और पांच दिन का समय मांगा है।
11:24 AM Aug 26, 2022 IST | Desk Team
राजधानी पटना में कुछ दिन पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया गया था, जिसकी जांच करने के लिए कमिटी बनाया गई थी, लेकिन उसने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। कमिटी ने अब और पांच दिन का समय मांगा है। दरअसल, यह पूरा मामला 22 अगस्त का है, जब पटना में टीईटी पास अभ्यर्थी नौकरी की मांग को लेकर सड़क पर उतरे थे। इसके बाद पटना ए डी एम द्वारा तिरंगा हाथ में थामे एक अभ्यर्थी की लाठी से जमकर पिटाई की थी, जिसका वीडियो वायरल हुआ था।
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वही, वीडियो में दिख रहे युवक की पहचान अनीसुर रहमान के रूप में की गई थी। वीडियो वायरल होने और मामला के तूल पकड़े जाने के बाद बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में जांच कराने की बात कही थी और पटना के जिलाधिकारी को इसके लिए निर्देश दिया था। जिलाधिकारी ने इसके लिए एक जांच कमिटी गठित कर दो दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। तेजस्वी ने अनीसुर रहमान की मदद करने का भी आश्वासन दिया है। अब जांच कमिटी द्वारा और पांच दिन के समय की मांग की गई है।
तेजस्वी भी कराएंगे मामले की जांच
भाजपा अब सरकार और प्रशासन की मंशा पर सवाल उठा रहा है। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने कहा कि छात्र-छात्राओं की पिटाई मामले में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का 2 दिनों में न्याय दिलाने का दावा झूठ निकला। 3 दिनों के बाद अब प्रशासन ने 5 दिन जांच के लिए फिर से समय मांगा है।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि सरकार के निर्देश पर प्रशासन का एकमात्र मकसद झूठ बोलकर छात्र-छात्राओं की आंखों में धूल झोंकना है और प्रशासन के आरोपी अधिकारियों, पुलिसकर्मियों को बचाना है। उन्होंने कहा कि छात्रों को पीटा गया और उल्टा उन्हीं पर एफआईआर दर्ज की गई। जाहिर है कि बिहार सरकार का मुख्य मकसद प्रशासन- पुलिस के दोषी लोगों और खासकर आरोपी एडीएम को बचाना है।
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