Bihar Voter List Hearing: SC की याचिकाकर्ता को दो टूक, 'साबित करें EC का तरीका गलत है'
Bihar में चुनाव को लेकर सियासत गर्मा रही है। इसी बीच आज बिहार में मतदाता सूची में संशोधन करने के लिए चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई थी और कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। आज इन सभी याचिकाओं पर न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ सुनवाई कर रही है। इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विपक्षी दलों ने कई सवाल कोर्ट में पूछे है। वहीं कोर्ट ने भी याचिका दायर करने वालों से पूछा है कि जो कार्य चुनाव आयोग कर रहा है वह सही नहीं है इसे साबित करके दिखाएं।
सुप्रीम कोर्ट और वकील के बीच सवाल जवाब
सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह 11 बजे सुनवाई शुरू हो गई थी।
प्रश्न: वकील गोपाल शंकर ने सवा पूछते हुए कहा कि चुनाव आयोग SIR लागू करना चाहती है और सबसे पहले बिहार में यह लागू किया जाएगा?
जवाब: न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयोग संविधान के अनुसार काम कर रहा है, इसलिए यह पूछना गलत है कि उन्हें क्या करना चाहिए
प्रश्न: गोपाल शंकर नारायणन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि चुनाव आयोग को यह नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उल्लंघन होगा साथ ही इस पूरी प्रक्रिया के कानून में किसी प्रकार का आधार नहीं है।
जवाब: सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयोग कानून के हिसाब से ही कार्य कर रहा है।
कपिल सिब्बल ने पूछे सवाल
इस सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने सवाल पूछते हुए कहा कि चुनाव आयोग की यह प्रक्रिया हैरान करने वाली है। फॉर्म ना भरने पर वोट देने की अनुमति नहीं होगी? नागरिक होने का सबूत देना होगा? इन सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दिया कि चुनाव आयोग का यह अधिकार नहीं की सिर्फ योग्य वोट दें औऱ अयोग्य नहीं।
आधार कार्ड नागरिकता नहीं
चुनाव आयोग के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि नागरिकता साबित करने के लिए सिर्फ आधार कार्ड पूर्ण नहीं होगा। बता दें कि चुनाव आयोग ने पहचान पत्र के रुप में आधार कार्ड को मान्यता ना देने का फैसला लिया था। यह कार्य गृह मंत्रालय का है और इस पर बातचीत करना ठीक नहीं है।
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