स्वागत है शुभांशु, 18 दिन की अंतरिक्ष यात्रा पूरी कर धरती पर लौटा भारत का लाल
शुभांशु शुक्ला की 18 दिन बाद धरती पर वापसी हो गई है। शुभांशु की घर वापसी के बाद उनके परिवार वाले भावुक हो गए। शुभांशु अंतरिक्ष में जाने वाले मात्र दूसरे भारतीय हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) के सहयोगी मंगलवार, 15 जुलाई 2025 को सफलतापूर्वक धरती पर लौट आए। स्पेसएक्स ड्रैगन यान के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से रवाना होने के बाद उन्होंने लगभग 22.5 घंटे का वापसी सफर तय किया और आखिरकार भारतीय समयानुसार दोपहर 3:01 बजे (पैसिफिक टाइम अनुसार रात 2:31 बजे) सैन डिएगो के तट के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित जल अवतरण किया।
स्पेसएक्स ने बताया कि ड्रैगन यान के वायुमंडल में प्रवेश करने से पहले एक हल्की सी 'सोनिक बूम' की आवाज़ सुनाई दी, जो धरती के वायुमंडल में प्रवेश की पुष्टि थी। इस महत्वपूर्ण क्षण पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी थीं, खासकर भारत के लोग इस ऐतिहासिक पल को लेकर बेहद उत्साहित थे।
#WATCH | ड्रैगन अंतरिक्ष यान एक्सिओम-4 के चालक दल और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को लेकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है।
(वीडियो सोर्स: एक्सिओम स्पेस/यूट्यूब) pic.twitter.com/rRs4O9O4FU
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2025
18 दिन का ऐतिहासिक मिशन
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने मिशन के दौरान कुल 18 दिन अंतरिक्ष में बिताए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक प्रयोगों, तकनीकी परीक्षणों और विभिन्न शारीरिक-मानसिक अनुकूलन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। यह मिशन न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण रहा बल्कि विश्व स्तर पर भी भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की क्षमता और विशेषज्ञता का प्रतीक बना।
अंतरिक्ष में बिताए गए दिनों के दौरान शुक्ला ने सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरों के जरिए कई बार अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे शून्य गुरुत्वाकर्षण में काम करना चुनौतीपूर्ण लेकिन रोमांचकारी अनुभव था। उन्होंने अंतरिक्ष से पृथ्वी के मनमोहक नज़ारे भी साझा किए, जिसने लाखों लोगों को प्रेरित किया।
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अब शुरू होगा पुनर्वास कार्यक्रम
धरती पर सुरक्षित वापसी के बाद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अगले सात दिनों तक पुनर्वास (rehabilitation) कार्यक्रम का हिस्सा रहेंगे। अंतरिक्ष में लंबी अवधि बिताने के बाद मानव शरीर को धरती की गुरुत्वाकर्षण व्यवस्था में खुद को फिर से ढालना होता है। इस दौरान डॉक्टरों की एक टीम उनकी सेहत पर निगरानी रखेगी और उन्हें शारीरिक मजबूती के लिए विशेष व्यायाम व थेरेपी कराई जाएगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, अंतरिक्ष यात्रा के बाद मांसपेशियों और हड्डियों में कमजोरी आना सामान्य बात होती है। इसलिए इस पुनर्वास कार्यक्रम का उद्देश्य शुक्ला को सामान्य जीवनशैली में सुरक्षित और स्वस्थ रूप से वापस लाना है।
भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह ऐतिहासिक यात्रा भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है। वह उन चुनिंदा भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनके साहस और समर्पण ने देश के युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
उनकी सुरक्षित वापसी पर पूरा देश जश्न मना रहा है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) तथा एक्सिओम स्पेस की इस शानदार सफलता की चारों ओर सराहना हो रही है।