'बीजेपी ही मेरी जिंदगी है, दूसरी पार्टी में जाने का सवाल नहीं', ईश्वरप्पा ने दिए BJP में वापसी के संकेत
शिवमोगा : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित किए गए कर्नाटक के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने एक बार फिर पार्टी में वापसी के संकेत दिए हैं। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बीजेपी ही उनकी जिंदगी है और किसी अन्य पार्टी में जाने का सवाल ही नहीं उठता। ईश्वरप्पा ने कहा, "हिंदुत्व मेरी सांस की तरह है। मैं हिंदुत्व के कारण ही बीजेपी में आया था। भले ही मैं मर जाऊं, लेकिन बीजेपी या हिंदुत्व को नहीं छोड़ूंगा। पार्टी से अलग रहना मेरे लिए असंभव है।"
6 साल के लिए हुए थे निष्कासित
गौरतलब है कि पिछले साल बीजेपी ने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने और अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ बगावत करने के चलते ईश्वरप्पा को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। उन्होंने शिवमोगा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था। यह कदम उन्होंने तब उठाया जब पार्टी ने उनके बेटे के.ई. कांतेश को हावेरी से टिकट देने से इनकार कर दिया था। ईश्वरप्पा ने इस फैसले के लिए कर्नाटक बीजेपी प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र और उनके पिता, वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। शिवमोगा से उस समय विजयेंद्र के भाई और मौजूदा सांसद बी.वाई. राघवेंद्र को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया था।
पार्टी के अंदर के कई नेता वापसी के पक्ष में
ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्हें खबरों के माध्यम से जानकारी मिली है कि कुरुबा समुदाय से जुड़े बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी वापसी की मांग करते हुए एक बैठक आयोजित की है। उन्होंने कहा, "कुछ कार्यकर्ताओं ने मेरे बारे में अच्छी बातें कीं, लेकिन मुझे इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है।" उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर कई नेता उनकी वापसी के पक्ष में हैं और वे शीघ्र ही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने की योजना बना रहे हैं।
कांग्रेस और सपा से मिला था निमंत्रण
ईश्वरप्पा ने दावा किया कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की ओर से उन्हें पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था। उन्होंने बताया कि सिद्धारमैया सरकार के कुछ मंत्रियों ने उन्हें और उनके बेटे को उपयुक्त पदों की पेशकश की थी, जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उन्हें आमंत्रित किया था। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि बीजेपी से अलग जाने का सवाल ही नहीं उठता। ईश्वरप्पा की इन टिप्पणियों के बाद राज्य की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी उन्हें फिर से पार्टी में शामिल करती है।