बिहार : भाजपा और जदयू में हुई तनातनी के बाद अब शराबबंदी को लेकर बयानबाजी शुरू, सुशील मोदी चिंतित
बिहार में नेता भले ही दावा करे कि सत्ताधारी गठबंधन में सबकुछ ठीक चल रहा, लेकिन ऐसा दिख नही रहा है। सम्राट अशोक को लेकर भाजपा और जदयू में हुई तनातनी के बाद अब शराबबंदी को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई।
12:07 PM Jan 15, 2022 IST | Desk Team
बिहार में नेता भले ही दावा करे कि सत्ताधारी गठबंधन में सबकुछ ठीक चल रहा, लेकिन ऐसा दिख नही रहा है। सम्राट अशोक को लेकर भाजपा और जदयू में हुई तनातनी के बाद अब शराबबंदी को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल जहां जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा के एक बयान पर ‘आईना’ दिखाने की कोशिश की, तो जदयू ने भी उन्हें नसीहत देने में देर नहीं की।
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शराबबंदी और पुलिस की भूमिका समझ में आ जाएगी-जायसवाल
भाजपा सांसद जायसवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर पोस्ट करते हुए जदयू को नसीहत दी, “मीडिया की दुनिया से बाहर जाकर अपनी पंचायत के ही किसी आम व्यक्ति से संपर्क कर लीजिए। शराबबंदी और पुलिस की भूमिका समझ में आ जाएगी।”
प्रवक्ता दल की बातें रखता है अपनी व्यक्तिगत नहीं
उन्होंने लिखा कि उनकी प्रवृत्ति नहीं कि व्यक्तिगत आरोपों का जवाब दें। मुझे पता चला कि जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा उनके लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुई मृत्यु के बाद वहां जाने पर जवाब मांग रहे हैं। जदयू प्रवक्ता का मुझसे सवाल करना बताता है कि यह जदयू का बयान है, क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है अपनी व्यक्तिगत नहीं।
जायसवाल ने आगे यह भी लिखा कि वे जहरीली शराब से मरने वालों के स्वजनों के घर गए थे और आगे भी जाते रहेंगे। आर्थिक मदद भी करेंगे। कोई जहरीली शराब पीकर मरता है तो निश्चित ही वह अपराध है पर इससे प्रशासनिक विफलता के दाग को धोया नहीं जा सकता। शासन के एक घटक दल के अध्यक्ष होने के नाते मेरी भी विफलता है। वे उन गरीबों से इंसानियत के नाते मिलने गए थे। पीड़ित परिवारों को थोड़ी सी मदद भी की है, क्योंकि गुनाहगार मरने वाले थे ना कि उनके स्वजन।
क्या यह समझा जाए कि संजय जायसवाल शराबबंदी के खिलाफ जो बोल रहे
जायसवाल के इस बयान के बाद जदयू प्रवक्ता झा ने कहा कि क्या यह समझा जाए कि संजय जायसवाल शराबबंदी के खिलाफ जो बोल रहे हैं, वह भाजपा का स्टैंड है? दरअसल उनके बयान से यह साफ मालूम हो रहा कि उन्होंने पूर्व में दिए गए अपने दो विरोधाभासी बयान पर सफाई देने की कोशिश की है। उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि सम्राट अशोक के खिलाफ अपशब्द कहने वाले दयाशंकर सिन्हा से पुरस्कार वापसी की मांग के समर्थन में हैं या नहीं?
जायसवाल इससे पहले भी शराबबंदी कानून की समीक्षा करने की बात कर चुके हैं।इधर, भाजपा प्रवक्ताओं ने भी क्षेत्रीय दलों को लेकर मोर्चा खोल दिया है।इस बीच राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुशील मोदी (सुमो) ने राजग घटक दलों से बयानबाजी बंद करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि घटक दलों में बयानबाजी बंद होनी चाहिए।
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