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'Celebrate Cinema 2024’ के उद्घाटन समारोह में पहुंची ‘Gadar 2’ की टीम, Punjab Kesari के साथ की खास बातचीत

01:57 PM Sep 19, 2024 IST
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भारतीय फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक सुभाष घई ‘Celebrate Cinema 2024’ के उद्घाटन समारोह में पहुंचे। उनके साथ ‘Gadar 2’ की अभिनेत्री सिमरत कौर, उत्कर्ष, निर्देशक अनिल शर्मा और अन्य भी मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की। इस बातचीत के दौरान सभी ने अभिनय के अपने अनुभवों को साझा किया। ‘गदर 2’ की स्टारकास्ट के साथ पहुंचे सुभाष घई ने पहले सभी के साथ तस्वीर के लिए पोज किया। इसके बाद बारी-बारी अपने अनुभव साझा किए और अभिनय की मूल प्रवृत्ति, आवश्यकता और अन्य पहलुओं पर अपेन विचार रखें।

'Gadar 2' की स्टार कास्ट रही मौजूद

बातचीत के दौरान निर्देशक और निर्माता अनिल शर्मा ने कहा कि ‘व्हिसलिंग वुड्स’ आकर उन्हें बहुत खुशी हुई और आगे भी वह यहां आना चाहते हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि बहुत पहले शूटिंग के सिलसिले में वह यहां आए थे। निर्देशक अनिल शर्मा से जब अभिनय में आने वाले नए लोगों के बारे में पूछा गया कि बहुत सारे लोगों को घरवाले अभिनय के क्षेत्र में नहीं आने देते, ऐसे में उनके परिजनों और उन लोगों के लिए आप क्या कहना चाहेंगे? जवाब में निर्देशक ने कहा कि जिसे अभिनेता बनना है, वह पहले बागी होगा, जो घरवालों की बात सुनकर रह जाएगा समझ लिजिए उसे एक्टर नहीं बनना था। निर्देशक ने कहा कि उन्होंने और उनके बेटे ने भी ऐसे ही शुरुआत की थी।

Simrat Kaur और Utkarsh Sharma दिखे साथ

इस दौरान अभिनेत्री सिमरत कौर ने आसमानी रंग की आउटफिट में नजर आईं। उन्होंने खुद को बड़ी ही सादगी से स्टाइल किया था। वहीं, अभिनेता उत्कर्ष कैजुअल आउटफिट में दिखें। दोनों अभिनेता सिंपल लुक में काफी स्टाइलिश और आकर्षक लग रहे थे।

Anil Sharma ने की Subhash Ghai की तारीफ

बातचीत के इस सिलसिले में जब अनिल शर्मा से पूछा गया कि सुभाष घई की कौन सी फिल्म है जिसे आप फिर से बनाना चाहते हैं। जवाब में अनिल शर्मा ने कहा कि वह साल 1981 की धर्मेंद्र अभिनीत ‘क्रोधी’ होगी। निर्देशक ने कहा कि वह कमाल की फिल्म थी, वो आज रिलीज होती तो कहा होती। इस दौरान अन्य लोगों ने भी अपने अनुभवों को साझा किया।

संगीत निर्देशक मिथुन ने घई के समर्पण को बताया महान

संगीत निर्देशक मिथुन ने भी महोत्सव की प्रशंसा की और भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए घई के समर्पण को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, “इस महोत्सव को सालाना आयोजित करने के लिए सुभाष घई के प्रयास वास्तव में सराहनीय हैं। उनकी फिल्में, भारतीय लोकाचार में गहराई से निहित हैं, जो हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण हैं।”

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