For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

बूस्टर डोज की जरूरत

कोरोना के बढ़ते नए मामलों के बावजूद महामारी जैसा प्रकोप नहीं है और स्थानीय बीमारी जैसा असर भी नहीं है।

01:36 AM Apr 23, 2022 IST | Aditya Chopra

कोरोना के बढ़ते नए मामलों के बावजूद महामारी जैसा प्रकोप नहीं है और स्थानीय बीमारी जैसा असर भी नहीं है।

बूस्टर डोज की जरूरत
 कोरोना विशेषज्ञ चौथी लहर को लेकर बंटे हुए हैं। कुछ विशेषज्ञ बढ़ते हुए नए केसों को नई लहर की आहट मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे सामान्य फ्लू मान रहे हैं। कोरोना का भयंकर प्रकोप देख चुके लोगों का भयभीत और आशंकित होना स्वाभाविक है। स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावक भी काफी चिंतित  हैं। जिस तरह से राजधानी दिल्ली, नोएडा, गजियाबाद, मेरठ, बुुलंदशहर, हापुड़ और लखनऊ तथा हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और अन्य शहरों में ताजा मामले सामने आए हैं, बेशक वह बड़े खतरे का संकेत तो नहीं दे रहे लेकिन चेतावनी जरूर है। इसके चलते मास्क जैसी पाबंदियां फिर लौट आई हैं। कोरोना वायरस का नया उभार हमें सतर्क कर रहा है कि हम लापरवाही नहीं बरतें। आम आदमी मास्क के प्रति तब भी लापरवाह था जब कोरोना चरम पर था। लोग आज भी लापरवाही बरत रहे हैं। हमें कोविड प्रोटोकॉल, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने को लेकर सचेत हो जाना चाहिए। दिल्ली में अप्रैल के पहले पखवाड़े में जिन  नमूनों का जीनोम सिक्वेसिंग किया गया उनमें से अधिकतर में ओमीक्रोन का सब वेरिएंट बीए 2.12 सामने आया है। यह वेरिएंट  भी काफी ज्यादा संक्रामक है और तेजी से फैलता है। अमेरिका में हाल के दिनों  में कोरोना के मामले बढ़ने के पीछे यही नया वेरिएंट जिम्मेदार है।
Advertisement
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जो भी शोध किए गए हैं उनसे पता चलता है कि डोज लगने के 6 महीने बाद इम्युनिटी कमजोर पड़ने लगती है। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान के प्रोफैसर ज्ञानेश्वर चौबे के नेतृत्व में 10 सर्वे किए गए हैं जिसके तहत 116 लोगों के सैंपल लिए गए। इस सर्वे में बेहत ​चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। सर्वे में महज 17 फीसदी लोगों में एंटी बॉडी पाई गई है। 46 फीसदी लोगों में एंटी बॉडी लगभग खत्म होने की कगार पर है। अगर 70 फीसदी लोगों में एंटी बॉडी खत्म हो जाती है तो कोरोना के आंकड़े बढ़ने का खतरा है। ऐसे में दूसरी डोज के बाद बूस्टर डोज का दायरा बढ़ाए जाने की जरूरत है। जनवरी 2022 में कोविड वैक्सीन के प्रीकॉशन डोज के लगने की शुरूआत हुई थी। शुरूआती दौर में फ्रंट लाइन वर्कर, सुरक्षा कर्मियों, 60 वर्ष से ज्यादा लोगों के ही डोज लगाई जा रही है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि यह रफ्तार बहुत धीमी है। कोरोना के खतरे के बीच अब 5 से 11 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन की मंजूरी दे दी गई है।
दिल्ली सरकार ने इसी बीच एक बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान ​किया है कि राजधानी में अब सभी सरकारी कोविड टीकाकरण केन्द्रों में बूस्टर डोज फ्री लगेगी। इन केन्द्रों पर 18 से 59 वर्ग के सभी योग्य लोगों को बूस्टर डोज उपलब्ध कराई जाएगी। बूस्टर डोज के तहत व्यक्ति को उसी कम्पनी का टीका लगाया जाएगा जिस कम्पनी की पहली और दूसरी डोज लगी हो। दूसरी डोज लगने के बाद 9 महीने का अंतराल हो जाना चाहिए। 11 वर्ष से ऊपर के बच्चों को वैक्सीन लगाने का काम जारी है। देश में कुल 12.66 करोड़ बच्चे वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। कोविन पोर्टल के मुताबिक 12 से 13 साल के 2.75 करोड़ से अधिक बच्चों को, 15 से 17 साल के 9.90 करोड़ से अधिक बच्चों को डोज दी जा चुकी है। अब 5 से 11 साल के बच्चों पर कारबे वैक्स वैक्सीन के एमरजैंसी इस्तेमाल की सिफारिश कर दी गई है। यह वैक्सीन हैदराबाद की कम्पनी बायोलोजिकल ई की और  से स्वदेशी रूप से विकसित की गई पहली आरबीडी प्रोटीन सब यूनिट वैक्सीन है।
अब लगभग छोटे बच्चों को छोड़कर बाकी सबको वैक्सीन का सुरक्षा कवच उपलब्ध है। अब केवल मसला यह है कि क्या भारतीयों में टीकों की दो डोज लगने के बाद इम्युनिटी कायम है। अगर है तो कितनी। यदि कोरोना की किसी सम्भावित लहर को रोके रखना है तो लोगों को बूस्टर डोज के प्रति उदासीनता नहीं बरतनी चाहिए। यह तथ्य सामने आया है कि राज्यों के पास करोड़ों खुराकें बेकार पड़ी हैं और लोग बूस्टर डोज के प्रति उत्साहित नहीं हैं। बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड आदि राज्यों में लोगों ने दूसरी खुराक ही नहीं ली है। गर्मियों का मौसम खत्म होने से पहले स्कूली बच्चों का पर्याप्त टीकाकरण हो जाना चाहिए। टैस्टिंग की गति को बढ़ाया जाना भी जरूरी है। ताकि संक्रमण की वास्तविक दर और गहराई का पता चल पाएगा। सभी सरकारें हों या आम लोग लापरवाही का पूरी तरह से त्याग करना होगा। हमें हर हालत में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना होगा। अभी मास्क छोड़ना खतरे से खाली नहीं है। महामारी का इलाज बचाव में ही है। सब कुछ हमारी मुट्ठी में है।
Advertisement
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com 
Advertisement
Author Image

Aditya Chopra

View all posts

Aditya Chopra is well known for his phenomenal viral articles.

Advertisement
×