Brahmacharini Mata Chalisa Lyrics: नवरात्रि के दूसरे दिन जरूर करें मां ब्रह्मचारिणी की इस चालीसा का पाठ, बनेंगे बिगड़े काम
Brahmacharini Mata Chalisa: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व काफी महत्वपूर्ण और बेहद ही पवित्र होता है। इस दिन मां दुर्गा के नौं रूपों की पूजा की जाती है। इस दिन मां को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय भी करते हैं। इस साल नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर सोमवार 2025 से शुरू हो गई है। आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की विधि-विधान से पूजा करने से माता की अति कृपा बरसती है। ब्रह्मचारिणी का मतलब है तप का आचरण करने वाली। इन्हें तप की देवी भी कहा जाता है। आज के दिन आपको इस चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
Brahmacharini Mata Chalisa: व्रत में पढ़ें मां ब्रह्मचारिणी की ये चालीसा
दोहा
कोटि कोटि नमन मात पिता को, जिसने दिया ये शरीर.
बलिहारी जाऊँ गुरू देव ने, दिया हरि भजन में सीर..
स्तुति
चन्द्र तपे सूरज तपे, और तपे आकाश .
इन सब से बढकर तपे,माताऒ का सुप्रकाश ..
मेरा अपना कुछ नहीं, जो कुछ है सो तेरा .
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा ॥
पद्म कमण्डल अक्ष, कर ब्रह्मचारिणी रूप .
हंस वाहिनी कृपा करो, पडू नहीं भव कूप ॥
जय जय श्री ब्रह्माणी, सत्य पुंज आधार .
चरण कमल धरि ध्यान में, प्रणबहुं मां बारम्बार ॥
Brahmacharini Mata Chalisa Lyrics in hindi:- चालीसा पढ़ने से मिलेगा मां का आर्शीवाद
चौपाई
जय जय जग मात ब्रह्माणी, भक्ति मुक्ति विश्व कल्याणी.
वीणा पुस्तक कर में सोहे, शारदा सब जग सोहे ..
हंस वाहिनी जय जग माता, भक्त जनन की हो सुख दाता.
ब्रह्माणी ब्रह्मा लोक से आई, मात लोक की करो सहाई.
क्षीर सिन्धु में प्रकटी जब ही, देवों ने जय बोली तब ही.
चतुर्दश रतनों में मानी, अद॒भुत माया वेद बखानी..
चार वेद षट शास्त्र कि गाथा, शिव ब्रह्मा कोई पार न पाता.
आदि शक्ति अवतार भवानी, भक्त जनों की मां कल्याणी..
जब−जब पाप बढे अति भारी, माता शस्त्र कर में धारी.
पाप विनाशिनी तू जगदम्बा, धर्म हेतु ना करी विलम्बा..
नमो: नमो: ब्रह्मी सुखकारी, ब्रह्मा विष्णु शिव तोहे मानी.
तेरी लीला अजब निराली, सहाय करो माँ पल्लू वाली..
दुःख चिन्ता सब बाधा हरणी, अमंगल में मंगल करणी.
अन्न पूरणा हो अन्न की दाता, सब जग पालन करती माता..
सर्व व्यापिनी असंख्या रूपा, तो कृपा से टरता भव कूपा.
चंद्र बिंब आनन सुखकारी, अक्ष माल युत हंस सवारी..
पवन पुत्र की करी सहाई, लंक जार अनल सित लाई.
कोप किया दश कन्ध पे भारी, कुटुम्ब संहारा सेना भारी..
तु ही मात विधी हरि हर देवा, सुर नर मुनी सब करते सेवा.
देव दानव का हुआ सम्वादा, मारे पापी मेटी बाधा..
श्री नारायण अंग समाई, मोहनी रूप धरा तू माई.
देव दैत्यों की पंक्ति बनाई, देवों को मां सुधा पिलाई..
चतुराई कर के महा माई, असुरों को तू दिया मिटाई.
नौ खण्ङ मांही नेजा फरके, भागे दुष्ट अधम जन डर के..
तेरह सौ पेंसठ की साला, आस्विन मास पख उजियाला.
रवि सुत बार अष्टमी ज्वाला, हंस आरूढ कर लेकर भाला..
नगर कोट से किया पयाना, पल्लू कोट भया अस्थाना.
चौसठ योगिनी बावन बीरा, संग में ले आई रणधीरा..
बैठ भवन में न्याय चुकाणी, द्वारपाल सादुल अगवाणी.
सांझ सवेरे बजे नगारा, उठता भक्तों का जयकारा..
मढ़ के बीच खड़ी मां ब्रह्माणी, सुन्दर छवि होंठो की लाली .
पास में बैठी मां वीणा वाली, उतरी मढ़ बैठी महाकाली ..
लाल ध्वजा तेरे मंदिर फरके, मन हर्षाता दर्शन करके.
दूर दूर से आते रेला, चैत आसोज में लगता मेला..
कोई संग में, कोई अकेला, जयकारो का देता हेला.
कंचन कलश शोभा दे भारी, दिव्य पताका चमके न्यारी..
सीस झुका जन श्रद्धा देते, आशीष से झोली भर लेते.
तीन लोकों की करता भरता, नाम लिए सब कारज सरता ..
मुझ बालक पे कृपा कीज्यो, भुल चूक सब माफी दीज्यो.
मन्द मति जय दास तुम्हारा, दो मां अपनी भक्ती अपारा ..
जब लगि जिऊ दया फल पाऊं, तुम्हरो जस मैं सदा सुनाऊं.
श्री ब्रह्माणी चालीसा जो कोई गावे, सब सुख भोग परम सुख पावे ..
दोहा
राग द्वेष में लिप्त मन, मैं कुटिल बुद्धि अज्ञान .
भव से पार करो मातेश्वरी, अपना अनुगत जान ॥
Brahmacharini Mata Chalisa Lyrics- जानें इस चालीसा के पाठ का लाभ
- यह चालीसा नित्य पढ़ने से मन को शांति और आत्मबल प्राप्त होता है।
- कठिन परिस्थितियों से छुटकारा मिलता है।
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मां की कृपा बनी रहती है।
- जो व्यक्ति श्रद्धा से यह चालीसा पढ़ता है, उसे धन, ज्ञान, स्वास्थ्य और सफलता की प्राप्ति होती है।