Mayank Yadav के दोबारा चोटिल होने पर ब्रेट ली ने इस फ्रेंचाइजी को ठहराया जिम्मेदार
07:00 AM May 02, 2024 IST | Ravi Kumar
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली का मानना है कि लखनऊ सुपर जाइंट्स ने मयंक यादव की चोट का सही तरह से प्रबंधन नहीं किया। उन्होंने सुझाव दिया कि पेट में दर्द के कारण बाहर होने के बाद इस युवा तेज गेंदबाज को समय से पहले आईपीएल में वापस लाया गया।
HIGHLIGHTS
- ब्रेट ली के अनुसार मयंक यादव का सही ढंग से ट्रीटमेंट
- Mayank Yadav मुंबई इंडियंस के खिलाफ दोबारा हुए चोटिल
- उन्होंने कहा मयंक विश्व कप से बाहर
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इक्कीस साल के मयंक को सात अप्रैल को गुजरात टाइटंस के खिलाफ मैच के दौरान पेट में जकड़न महसूस हुई। यह उनका तीसरा आईपीएल मैच था और उन्होंने अपनी तेज गति से सभी को प्रभावित किया और अपने शुरुआती दोनों मैच में ‘मैन ऑफ द मैच’ बने।
उन्होंने मंगलवार को लखनऊ में मुंबई इंडियंस के खिलाफ सुपर जाइंट्स की जीत के दौरान वापसी की लेकिन चोटिल होने के कारण अपना चौथा ओवर पूरा किए बिना मैदान से बाहर चले गए।
लखनऊ के कोच जस्टिन लैंगर ने कहा कि इस युवा तेज गेंदबाज को उसी स्थान पर दर्द महसूस हो रहा है जिसके कारण वह लगभग तीन सप्ताह तक मैदान से बाहर रहे थे।
खेल के सबसे तूफानी तेज गेंदबाजों में से एक रहे ली ने इसका दोष लखनऊ टीम के शीर्ष प्रबंधन और मेडिकल स्टाफ पर मढ़ा।
ली ने ‘जियो सिनेमा’ की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘साइड स्ट्रेन या इसे जो भी कहा जाए, सामान्यतः इसे ठीक होने में कम से कम चार से छह सप्ताह लगते हैं। हमें नहीं पता कि यह कितना गंभीर है लेकिन जो व्यक्ति 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करके अपने शरीर पर बोझ डाल रहा है उसके लिए यह बिलकुल भी अच्छा प्रबंधन नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वापसी करते हुए उसका पहला मैच और चोटिल हो जाना, इसकी जिम्मेदारी सीधे लखनऊ सुपर जाइंट्स के नेतृत्व समूह और मेडिकल स्टाफ पर होनी चाहिए।’’
ऑस्ट्रेलिया के लिए 1999 से 2008 के बीच 76 टेस्ट मैच में 310 विकेट लेने वाले 47 वर्षीय ली ने मयंक के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें सही सलाह मिलनी चाहिए थी।
ली ने कहा, ‘‘एकमात्र व्यक्ति जिसे यह कीमत चुकानी पड़ी है वह मयंक है। आईपीएल में हर कोई यह देखना पसंद करता है कि उसकी क्षमता क्या है। आप चाहते हैं कि उसे सही सलाह मिलती जिससे कि उसे इससे नहीं गुजरना पड़ता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब शायद इसका मतलब यह होगा कि अगर कोई चोट लगी है तो वह विश्व कप से बाहर हो जाएगा।’’
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