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बांग्लादेश के स्कूल में बुर्के पर लगा प्रतिबंध, लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला

बांग्लादेश के नोआखाली के सेनबाग उपजिले में एक स्कूल की कक्षाओं में छात्राओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध का ऐलान किया गया है। हालांकि स्कूल के इस फैसले के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

02:51 PM Mar 24, 2022 IST | Desk Team

बांग्लादेश के नोआखाली के सेनबाग उपजिले में एक स्कूल की कक्षाओं में छात्राओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध का ऐलान किया गया है। हालांकि स्कूल के इस फैसले के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं।

भारत में हिजाब को लेकर मचे विवाद के बीच बांग्लादेश के एक स्कूल में बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कर्नाटक की तर्ज पर बांग्लादेश के नोआखाली के सेनबाग उपजिले में एक स्कूल की कक्षाओं में छात्राओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध का ऐलान किया गया है। हालांकि स्कूल के इस फैसले के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं।
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इस पूरे घटनाक्रम को दो सप्ताह से अधिक का समय हो गया है। इसके बावजूद लोग अब भी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।  हाथों में पोस्टर-बैनर लिए लोग इसकी आलोचना कर रहे हैं। बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से कहा है कि स्कूल प्रबंधन कमेटी के चुनाव के कारण से इस मामले को उछाला गया है। हालांकि, स्कूल प्रशासन का कहना है कि नोटिस की गलत व्याख्या की गई है। भ्रम की स्थिति के कारण नोटिस वापस लेना पड़ा।
लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़कियों की क्लास में लड़कों के बुर्का पहनकर आने की कई घटना सामने आई हैं। लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रशासन ने इस तरह का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन ने कक्षा में प्रवेश करने के बाद चेहरा नहीं ढकने का एक निर्देश जारी किया। बुर्का पहनने के चलते कई बार स्कूल में नहीं पढ़ने वाली लड़कियां भी क्लास में आ जाती थी।


इस मामले में राइटर तसलीमा नसरीन ने कहा, ”नोआखली के शेर-ए-बांग्ला हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक मोजम्मेल हुसैन ने कक्षाओं में बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया। इसलिए बुर्का समर्थक लोगों ने प्रधानाध्यापक के फैसले का विरोध किया। हेडमास्टर ने कहा कि उन्होंने कक्षाओं में बुर्का पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि अज्ञात पुरुष और बाहरी लोग कक्षाओं में प्रवेश करने के लिए बुर्का पहन सकते थे।”

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