Bypolls: यूपी में बढ़ा सियासी तापमान! भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला, जानें किसका पलड़ा भारी
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट और विधानसभा की दो सीटों पर 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने का समय समाप्त होने के बाद इन सीटों पर अब मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगियों के बीच हैं।
04:25 PM Nov 18, 2022 IST | Desk Team
Advertisement
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी लोकसभा सीट और विधानसभा की दो सीटों पर 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने का समय समाप्त होने के बाद इन सीटों पर अब मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगियों के बीच हैं। कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने इन चुनावों में अपने उम्मीदवार ही नहीं उतारे हैं।मैनपुरी संसदीय क्षेत्र के अलावा, राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रामपुर सदर एवं खतौली विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होने हैं।राज्य में तीन सीटों पर नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 नवंबर थी।
Advertisement
मैनपुरी में यादव vs शाक्य
मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण खाली हुई थी, जबकि दो विधानसभा क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों क्रमश: आजम खान और विक्रम सिंह सैनी को अलग-अलग मामलों में अदालतों द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के कारण रिक्त हुई है। इसी कारण इन सीटों पर उपचुनाव कराया जा रहा है।मैनपुरी उपचुनाव के लिए कुल 13 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।यहां मुकाबला मुख्य रूप से सपा की डिंपल यादव और भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य के बीच है।अन्य लोगों में ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सुभासपा के रमाकांत कश्यप, और निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं।
रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए तीन लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। इनमें समाजवादी पार्टी के मोहम्मद असीम राजा, भाजपा के आकाश सक्सेना (हनी) और राजेंद्र सिंह (निर्दलीय) शामिल हैं।खतौली में मुकाबला भाजपा की राजकुमारी और राष्ट्रीय लोकदल के मदन भैया के बीच है। यहां कुल 14 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।हालांकि, राज्य में उपचुनावों के नतीजों से न तो केंद्र सरकार और न ही योगी आदित्यनाथ सरकार पर कोई खास फर्क पड़ेगा क्योंकि दोनों जगह भाजपा को बहुमत हासिल हैं, लेकिन नतीजे 2024 में होने वाले आम चुनाव में विजेता को मनोवैज्ञानिक बढ़त देंगे।
Advertisement
जून के लोकसभा उपचुनाव में सपा का गढ़ आजमगढ़ और रामपुर से जीतने के बाद, भाजपा का लक्ष्य मैनपुरी में मुख्य प्रतिद्वंद्वी सपा को पटखनी देना है ताकि अगले संसदीय चुनाव में राज्य की सभी 80 संसदीय सीटों को जीतने की उनकी उम्मीद को बल मिल सके।अखिलेश से नाराज चल रहे उनके बिछड़े चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव नरम पड़ गए हैं और उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से बड़ी बहू डिंपल यादव की जीत सुनिश्चित करने को कहा है।
8 दिसंबर को होगी मतगणना
सपा की ओर शिवपाल के झुकाव ने भाजपा को करारा झटका दिया है, जिसने पीएसपीएल के कद्दावर नेता के समर्थन की उम्मीद में उनके करीबी रघुराज शाक्य को टिकट दिया है।शिवपाल की जसवंतनगर विधानसभा सीट मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और अखिलेश का करहल विधानसभा क्षेत्र भी इसी का हिस्सा हैं।चुनाव आयोग के मुताबिक 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और 21 नवंबर तक उम्मीदवारी वापस लिये जा सकेंगे।मतदान 5 दिसंबर को होगा जबकि मतगणना 8 दिसंबर को होगी।
Advertisement