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नोटबंदी का 2.0 संस्करण है सीएए, एनआरसी : राहुल

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए असम के अपने दौरे से पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधा और कहा कि ये दोनों नोटबंदी का 2.0 संस्करण है।

04:17 PM Dec 28, 2019 IST | Shera Rajput

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए असम के अपने दौरे से पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधा और कहा कि ये दोनों नोटबंदी का 2.0 संस्करण है।

नोटबंदी का 2 0 संस्करण है सीएए  एनआरसी   राहुल
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नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए असम के अपने दौरे से पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधा और कहा कि ये दोनों नोटबंदी का 2.0 संस्करण है।
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कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा, ‘सीएए और एनआरसी के जरिए सरकार गरीबों को कतारों में खड़ा करना चाहती है और अपने 15 उद्योगपति मित्रों की मदद करना चाहती है।’
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सीएए और एनआरसी को वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने वाला बताते हुए राहुल ने आगे कहा, ‘यह लोगों के लिए दोहरे झटके की तरह है, क्योंकि वे गरीबों को अपने दस्तावेज दिखाने के लिए कहेंगे, जबकि वे उद्योगपतियों से कोई दस्तावेज नहीं मांगेंगे।’
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘ये नोटबंदी का 2.0 संस्करण है।’
राहुल गांधी ने कहा, ‘क्या आपने मेरे ट्वीट और डिटेंशन सेंटर की तस्वीरें देखी? और क्या आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुना? क्या आपको डिटेंशन सेंटर का वीडियो मिला?’
इससे पहले, पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने एक ट्वीट में असम के एक डिटेंशन सेंटर का वीडियो साझा किया था और नरेंद्र मोदी पर ‘झूठ बोलने’ का आरोप लगाया था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ में एनआरसी और एनपीआर को हिंदुस्तान की गरीब जनता पर लगाया गया टैक्स बताया था। उन्होंने एनपीआर और एनआरसी को विमुद्रीकरण के साथ तुलना करते हुए कहा था कि जिस तरह नवंबर 2016 में नोटबंदी के दौरान लोग परेशान हुए थे, ठीक उसी तरह इन कानूनों से भी उन्हें परेशानी झेलनी पड़ेगी।
उन्होंने कहा था, ‘जिस तरह नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब लोगों पर एक टैक्स था। बैंक में जाइए, पैसा दीजिए, अपने एकाउंट से मगर पैसा नहीं निकालिए। और उसी दौरान पूरा का पूरा पैसा 15 से 20 चहेते लोगों को दे दिया गया। यह (एनआरसी, एनपीआर) भी बिल्कुल वही चीज है। जो दस्तावेज नहीं दिखा पाएगा, उसकी जमीन 15 से 20 चहेते लोगों को दे दी जाएगी।’
इससे पहले, शनिवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 135वें स्थापना दिवस पर पार्टी मुख्यालय में झंडा फहराया। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, के.सी. वेणुगोपाल, अंबिका सोनी और ए.के. एंटनी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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Shera Rajput

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