कलकत्ता हाईकोर्ट ने BJP कार्यकर्ताओं को रैली में शामिल होने से ‘बलपूर्वक रोके जाने’ पर मांगी रिपोर्ट
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के गृह सचिव से इस आरोप पर रिपोर्ट मांगी कि भारतीय जनता पार्टी समर्थकों को उनके ‘नबन्ना मार्च’ कार्यक्रम में शामिल होने से ‘बलपूर्वक’ रोका गया।
10:44 PM Sep 13, 2022 IST | Shera Rajput
Advertisement
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के गृह सचिव से इस आरोप पर रिपोर्ट मांगी कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) समर्थकों को उनके ‘नबन्ना मार्च’ कार्यक्रम में शामिल होने से ‘बलपूर्वक’ रोका गया।
Advertisement
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर. भारद्वाज की खंडपीठ ने राज्य सरकार को कोलकाता में भाजपा के राज्य मुख्यालय की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
Advertisement
पीठ ने राज्य के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई अनावश्यक गिरफ्तारी न हो और रैली के सिलसिले में किसी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से हिरासत में न लिया जाए।
Advertisement
अदालत ने राज्य के गृह सचिव को भाजपा द्वारा लगाए गए उन आरोपों पर 19 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया कि उसके समर्थकों को रैली में शामिल होने से बलपूर्वक रोका गया था।
पीठ ने कहा कि शांति और अमन बनाए रखने की जरूरत है।
याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में दावा किया कि मंगलवार की रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं को शामिल होने से बलपूर्वक रोका गया और पार्टी नेताओं पर हमला किया गया।
यह दावा किया गया था कि भाजपा कार्यकर्ताओं को ट्रेनों में चढ़ने से रोका गया था और रैली में भाग लेने के लिए कोलकाता और हावड़ा जाने वाले वाहनों को रोक दिया गया था।
यह भी आरोप लगाया गया कि पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया और उन्हें यहां मुरलीधर सेन लेन में भाजपा के राज्य मुख्यालय में प्रवेश करने या बाहर जाने से रोका गया।
याचिकाकर्ता के वकील सुबीर सान्याल ने दावा किया कि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को उच्च न्यायालय की एकल पीठ के पहले के आदेश के बावजूद गिरफ्तार किया गया, जिसने उन्हें उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया था।
महाधिवक्ता एस. एन. मुखर्जी ने दावा किया कि हावड़ा के महानगरीय क्षेत्र में धारा 144 लागू थी और रैली की अनुमति नहीं दी गई थी।
आरोप है कि रैली में शामिल कुछ लोग हिंसक गतिविधियों में शामिल थे।
मुखर्जी ने अदालत के समक्ष कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए नेताओं को जल्द ही निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा।
अधिकारी, भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी और अन्य नेताओं को शाम को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार से निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
पश्चिम बंगाल के राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक विरोध मार्च के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प के चलते कोलकाता और हावड़ा जिले के कुछ हिस्से मंगलवार को संघर्ष के मैदान में बदल गए।

Join Channel