सुथरे नहीं चिट्टे के सौदागर तो नामोनिशान और नेटवर्क सहित मिटा देंगे: CM सुक्खू
Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में नशे, खासकर चिट्टे के खिलाफ एक बड़े जन आंदोलन की शुरुआत की। शिमला के रिज मैदान से चौड़ा मैदान तक आयोजित यह विशाल वॉकथॉन जनता की एकजुटता और नशा-मुक्ति के प्रति संकल्प का प्रतीक बना। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों, अभिभावकों, सामाजिक संगठनों, जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों सहित समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया। वॉकथॉन शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को नशा-विरोधी शपथ भी दिलाई।
Himachal Pradesh News: “यह सिर्फ कार्यक्रम नहीं, जन आंदोलन है”
चौड़ा मैदान में संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन हिमाचल के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चिट्टे के खिलाफ लड़ाई केवल सरकारी प्रयास नहीं, बल्कि जनता की आस्था, अस्मिता और भविष्य की रक्षा का जन आंदोलन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान की गूंज केवल हिमाचल तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरे देश में सुनी जाएगी।

CM Sukhu: 'स्कूल बनेंगे संस्कार और सुरक्षा के केंद्र'
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि अब स्कूल केवल शिक्षा तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि बच्चों के चरित्र, जागरूकता और सुरक्षा के मजबूत केंद्र बनेंगे। यहां से ऐसी नई पीढ़ी तैयार होगी जो नशे की जगह चेतना और जागरूकता को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में माताएं सबसे मजबूत स्तंभ होंगी। जब माताएं जागरूक होती हैं, तो पूरा समाज सही दिशा में आगे बढ़ता है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं को दुर्गा स्वरूप बताते हुए कहा कि वे चिट्टे के सौदागरों के विरुद्ध महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

धार्मिक संस्थाओं से भी समर्थन की अपील
मुख्यमंत्री ने धार्मिक संस्थाओं से भी इस अभियान को बल देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यदि देवभूमि के मंदिर, मठ और धार्मिक मंच इस सामाजिक बुराई के खिलाफ आवाज उठाएंगे, तो चिट्टे का उन्मूलन और तेज़ी से होगा। “चिट्टा बेचने वालों के लिए हिमाचल में जगह नहीं” मुख्यमंत्री ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी कि बच्चों का भविष्य बर्बाद करने वाले चिट्टा तस्करों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार, पुलिस और जनता, तीनों इस लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

तीन स्तरों पर कार्रवाई
प्रदेश सरकार नशे के खिलाफ तीन प्रमुख क्षेत्रों में काम कर रही है:
- जागरूकता फैलाना
- नशा तस्करों पर कड़ी कार्रवाई और कानून व्यवस्था मजबूत करना
- नशे की चपेट में आए युवाओं का इलाज, प्यार और पुनर्वास
- उन्होंने कहा कि नशा पीड़ित युवाओं को अपराधी नहीं, बल्कि उपचार और सहारे की जरूरत है।

कड़े कानून और सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने चिट्टे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति लागू की है। पीआईटी-एनडीपीएस कानून के तहत बार-बार नशा तस्करी में पकड़े जाने वालों को सीधा जेल भेजा जा रहा है। नए कानूनों में तस्करों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास, 10 लाख रुपये तक जुर्माना और संपत्ति ज़ब्ती जैसे प्रावधान किए गए हैं।
वहीं सरकार जल्द ही 1000 एंटी-चिट्टा स्वयंसेवक नियुक्त करेगी, जो पुलिस और जनता के बीच तालमेल बनाकर काम करेंगे। पंचायत स्तर तक चिट्टा नेटवर्क की मैपिंग पूरी की जा चुकी है। साथ ही, स्कूल पाठ्यक्रम में नशा-निवारण से जुड़ा नया अध्याय जोड़ा जाएगा। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से बातचीत करके उन्हें चिट्टे के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने उन माता-पिता से भी मुलाकात की जिन्होंने चिट्टा-लत के कारण अपने बच्चों को खो दिया और उन्हें सांत्वना दी।
रिपोर्ट: विक्रांत सूद
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