केंद्र को मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण के लिये नीति बनानी चाहिए : ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को जोर देकर कहा कि वृद्धि को रोकने के लिए एक नीति बनाई जानी चाहिए।
11:23 PM Apr 07, 2022 IST | Shera Rajput
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को जोर देकर कहा कि वृद्धि को रोकने के लिए एक नीति बनाई जानी चाहिए।
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हालांकि, भाजपा ने दोहराया कि राज्य द्वारा ईंधन पर लगाए गए वैट को पहले कम किया जाना चाहिए।
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बनर्जी ने दिन में कहा कि देश में आर्थिक स्थिति बद् से बद्तर होती जा रही है और आशंका व्यक्त की कि राज्य आने वाले दिनों में कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएंगे।
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बनर्जी ने कृषि वस्तुओं की कीमत की निगरानी करने वाले राज्य स्तरीय एक कार्यबल की बैठक के दौरान कहा, “लोग श्रीलंका में आर्थिक संकट के बारे में बात करते रहते हैं, लेकिन स्थिति केवल द्वीपीय राष्ट्र में ही खराब नहीं है… मुझे नहीं पता कि राज्य आने वाले दिनों में वेतन का भुगतान कर पाएंगे या नहीं।”
केंद्र ने पिछले 16 दिनों में तेल और रसोई गैसों की कीमतें 15 बार बढ़ाईं – ममता
यह देखते हुए कि केंद्र ने पिछले 16 दिनों में तेल और रसोई गैसों की कीमतें 15 बार बढ़ाईं, बनर्जी ने कहा, “आर्थिक स्थिति बहुत खराब है… बद् से बद्तर (होती जा रही है)। केंद्र को (मूल्य वृद्धि पर लगाम के लिये) एक नीति बनानी चाहिए।” उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी परिस्थितियों में टोल टैक्स संग्रह को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया जाए क्योंकि आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों का खर्चा बढ़ रहा है और बोझ आम लोगों पर पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि जीवन रक्षक दवाओं के दाम भी बढ़ गए हैं।
अपनी ओर से मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल सरकार कृषि विपणन विभाग के तहत शुरू की गई एक योजना ‘सुफल बांग्ला’ के स्टॉलों पर रियायती दरों पर सब्जियां और फल उपलब्ध कराना जारी रखेगी।
बनर्जी ने प्रशासन से ऐसे स्टॉलों की संख्या मौजूदा 332 से बढ़ाकर 500 करने को कहा।
बनर्जी ने केंद्र के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को राजनेताओं को परेशान करने के लिए सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करने के बजाय कीमतों पर लगाम लगाने के तरीके खोजने चाहिए।
टीएमसी सुप्रीमो ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र राज्यों को जीएसटी बकाये का भुगतान नहीं कर रहा है।
उन्होंने सभी राज्यों से कहा कि वे जीएसटी मुआवजे की अवधि को और पांच साल बढ़ाने की मांग करें।
उन्होंने कहा, “केंद्र हमें जीएसटी का हमारा हिस्सा नहीं दे रहा है। केंद्र सरकार राज्यों से सभी प्रकार के कर एकत्र कर रही है लेकिन हमें हमारा हिस्सा नहीं दे रही है। वे हर चीज पर उपकर लागू कर रहे हैं। वे उपकर के बजाय कर लागू कर सकते थे… उससे राज्यों को प्रतिशत मिलता है।”
इस बीच, मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए, भाजपा ने कहा कि राज्य सरकार को ईंधन पर वैट कम करना चाहिए अगर उसे वास्तव में आम लोगों की परवाह है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “उन्हें केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर मांग करनी चाहिए कि तेल को जीएसटी के तहत लाया जाए। जब तक वह ऐसा नहीं करतीं, यह सब नाटक है जिसे वह जनता को बेवकूफ बनाने के लिए कर रही हैं।”

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