Central Cabinet Meeting: एक बार फिर देश को बड़ी सौगात! इन दो बड़े प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी
Central Cabinet Meeting: केंद्र सरकार ने मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। राजस्थान के कोटा जिले में एक नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को हरी झंडी दी गई है, वहीं ओडिशा के कटक और भुवनेश्वर के बीच एक आधुनिक रिंग रोड बनाया जाएगा।
Central Cabinet Meeting: कोटा में नए एयरपोर्ट को मिली मंजूरी
कोटा में लंबे समय से एक आधुनिक एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी। अभी जो एयरपोर्ट वहां मौजूद है, वह काफी छोटा है और उसकी क्षमता भी बहुत सीमित है। इस जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने कोटा के बूंदी क्षेत्र में एक नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को मंजूरी दे दी है। यह एयरपोर्ट लगभग 1507 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इसके लिए राजस्थान सरकार ने 1000 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का वादा किया है।

एयरपोर्ट की खास बातें
नए एयरपोर्ट का रनवे 3200 मीटर लंबा होगा और टर्मिनल भवन 20,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा। इस एयरपोर्ट की सालाना यात्री क्षमता 20 लाख होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस एयरपोर्ट को दो साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
कोटा का महत्व
कोटा को एजुकेशन हब के रूप में जाना जाता है। यहां देशभर से छात्र और शिक्षा से जुड़े लोग आते हैं। इसके अलावा कोटा एक इंडस्ट्रियल हब भी बनता जा रहा है। ऐसे में एक बड़े और आधुनिक एयरपोर्ट की जरूरत थी, जिसे अब पूरा किया जा रहा है।

हवाई यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, देश में 2014 में जहां 74 एयरपोर्ट थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 162 हो गई है। पहले सालाना हवाई यात्रियों की संख्या 16 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 41 करोड़ के करीब पहुंच गई है। यह आंकड़ा बताता है कि देश में हवाई यात्रा कितनी तेजी से बढ़ रही है।

ओडिशा में कटक-भुवनेश्वर रिंग रोड प्रोजेक्ट
इस कैबिनेट बैठक में दूसरा बड़ा फैसला ओडिशा को लेकर किया गया। यहां कटक और भुवनेश्वर के बीच एक 6 लेन का एक्सेस कंट्रोल रिंग रोड बनाने को मंजूरी दी गई है। यह दोनों शहर ट्विन सिटी के रूप में जाने जाते हैं, और लंबे समय से इस तरह के प्रोजेक्ट की मांग की जा रही थी।
रिंग रोड की विशेषताएं
इस रिंग रोड की कुल लंबाई 111 किलोमीटर होगी और इसे बनाने में करीब 8307 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसे ढाई साल में पूरा करने की योजना है। यह सड़क पूरी तरह से एक्सप्रेसवे स्टाइल में बनेगी और इसका डिजाइन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा।
पूर्वोदय विजन का हिस्सा
यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोदय विजन का हिस्सा है, जिसमें पूर्वी भारत के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। यह रिंग रोड न केवल यातायात को आसान बनाएगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।