सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट : हरदीप सिंह पुरी का राहुल पर पलटवार - कांग्रेस का खत्म नहीं हो रहा 'पाखंड'
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की आलोचना करने के लिए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि मामले पर पार्टी का रुख ‘‘अजीब’’ है क्योंकि उसके नेताओं ने संप्रग की सत्ता के दौरान इस प्रस्ताव का समर्थन किया था।
07:01 PM May 07, 2021 IST | Ujjwal Jain
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सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की आलोचना करने के लिए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि मामले पर पार्टी का रुख ‘‘अजीब’’ है क्योंकि उसके नेताओं ने संप्रग की सत्ता के दौरान इस प्रस्ताव का समर्थन किया था।
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इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए इसे धन की बर्बादी बताया और सरकार से कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों के जीवन की रक्षा पर ध्यान देने को कहा।
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पुरी ने ट्वीट किया, ‘‘सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर कांग्रेस का रुख अजीब है। सेंट्रल विस्टा की लागत कई वर्षों से 20,000 करोड़ रुपये है। भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए करीब दोगुनी रकम आवंटित की है। भारत का स्वास्थ्य बजट इस वर्ष तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक है। हमें अपनी प्राथमिकता पता है।’’
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Congress’s discourse on Central Vista is bizarre.Cost of Central Vista is about ₹20,000 crore, over several years.GoI has allocated nearly twice that amount for vaccination! India’s healthcare budget for just this year was over ₹3 lakh crore. We know our priorities. pic.twitter.com/uNlnxv7s58— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) May 7, 2021
सिलसिलेवार ट्वीट में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सेंट्रल विस्टा कोई नयी परियोजना नहीं है और आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने संसद के नए भवन की जरूरत को लेकर चिट्ठियां लिखी थी।
पुरी ने कहा, ‘‘कांग्रेस का पाखंड खत्म नहीं हो रहा। उनका शर्मनाक दोहरा रवैया देखिए। संप्रग के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने संसद के नए भवन की जरूरत को लेकर चिट्ठियां लिखी थी। लोकसभा अध्यक्ष ने 2012 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को इसके लिए पत्र लिखा था। अब वे उसी परियोजना का विरोध कर रहे हैं।’’

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