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चंडीगढ़ : BKU उगराहां का एक सितंबर से चंडीगढ़ में धरना, कृषि नीति बनाने की मांग
08:26 AM Aug 27, 2024 IST | Saumya Singh
चंडीगढ़ : भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने 1 सितंबर से पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान किया है। संगठन के नेताओं ने बरनाला में स्टेट लेवल की बैठक यह फैसला किया। किसान नेताओं का कहना है कि उनके संगठन की ओर से 27 से 31 अगस्त तक पंजाब भर के डीसी दफ्तरों के समक्ष धरना देना था, जिसे अब स्थगित कर दिया है, क्योंकि पंजाब सरकार का विधानसभा सत्र एक से चार सितंबर तक होगा। इसके चलते अब किसान संगठन ने अपना संघर्ष एक सितंबर से चंडीगढ़ शिफ्ट कर दिया है।
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Highlight :
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- भारतीय किसान यूनियन उगराहां का एक सितंबर से चंडीगढ़ में धरना का ऐलान
- बरनाला में स्टेट लेवल की बैठक में संगठन के नेताओं ने किया फैसला
- पंजाब सरकार का विधानसभा सत्र एक से चार सितंबर तक होगा
उगराहां का एक सितंबर से चंडीगढ़ में धरना का ऐलान
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किसान नेताओं का कहना है कि किसान चंडीगढ़ में प्रवेश करेंगे। यदि उन्हें रोका जाता है, तो वे ही धरना शुरू कर देंगे। हम लोगों का अगला संघर्ष लंबे समय तक चल सकता है। विधानसभा सत्र संपन्न होने के बाद अगले आंदोलन का ऐलान पांच सितंबर को किया जाएगा। इस संघर्ष में पंजाब के विभिन्न जिलों से उनके संगठन के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में राशन, दूध और अन्य जरूरी सामान लेकर पहुंचेंगे।
पंजाब की कृषि नीति बनाना, किसान नेताओं की मांग

किसान नेताओं ने कहा कि उनकी मुख्य मांग पंजाब की कृषि नीति बनाना है। सरकार ने अभी तक कोई कृषि नीति घोषित नहीं की है। पंजाब सरकार ऐसी कृषि नीति बनाए, जिसमें किसानों को डॉ. स्वामीनाथन की रिपोर्ट के मुताबिक फसलों की एमएसपी और खरीद की गारंटी दी जाए। बीकेयू उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि चंडीगढ़ के इस मोर्चे में आत्महत्या करने वाले किसान और नशे से मरने वालों के परिजन भी उनके साथ शामिल होंगे।
यह मोर्चा पूरी तरह से भारतीय किसान यूनियन उगराहां का है
उन्होंने कहा कि यह मोर्चा पूरी तरह से भारतीय किसान यूनियन उगराहां का है, जबकि अन्य संघर्षशील भाईचारा संगठन हमारे संघर्ष के समर्थन में जिला स्तर पर संघर्ष कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मोर्चे में उनकी मांगों में पंजाब की कृषि नीति बनाना, किसान मजदूरों का कर्ज माफ करना, नशे का खात्मा, किसानों की बर्बाद फसलों का मुआवजा, आत्महत्या करने वाले परिवारों को मुआवजा देना, जमीनों का उचित वितरण करना शामिल है।
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