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Chhath Puja: अंबाला की घग्गर नदी में बह रहा केमिकल, जहरीले पानी में अर्घ्य देने को मजबूर लोग

हरियाणा के अंबाला में भी महापर्व की धूम रहती है, लेकिन इस बार घग्गर नदी के प्रदूषित पानी में खड़े होकर महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देंगी।

05:11 AM Nov 06, 2024 IST | Rahul Kumar Rawat

हरियाणा के अंबाला में भी महापर्व की धूम रहती है, लेकिन इस बार घग्गर नदी के प्रदूषित पानी में खड़े होकर महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देंगी।

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Ambala: हरियाणा के अंबाला में भी महापर्व की धूम रहती है, लेकिन इस बार घग्गर नदी के प्रदूषित पानी में खड़े होकर महिलाएं सूर्य को अर्घ्य देंगी। बीते कई सालों से छठ पर घग्गर नदी के पास भव्य कार्यक्रम का आयोजन होता आ रहा है। इस बार भी हजारों की संख्या में महिलाएं यहां छठी मैया की पूजा करेंगी। लेकिन, गंदगी और प्रदूषण से भरे पानी के बीच पूजा करना महिलाओं के लिए चुनौती होगी।

जहरीले पानी में अर्घ्य देंगे लोग

छठ महापर्व शुरू हो गया है। 7 नवंबर की शाम को महिलाएं पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगी। इस बार अंबाला के पास लगती घग्गर नदी के हालात ऐसे हैं कि अगर महिलाएं नदी में खड़ी होकर भगवान सूर्य की पूजा करेंगी तो वे बीमार भी हो सकती हैं। दरअसल, नदी में प्रदूषण के कारण एक अलग ही परत जमी है। आसपास के इलाकों में गंदगी का अंबार है। इस वजह से अंबाला छठ कमेटी के सदस्य भी चिंता में हैं।

नदी में बह रहा केमिकल

कमेटी ने प्रशासन से इस ओर ध्यान देने की अपील की है। लोकल 18 को जानकारी देते हुए शिव कुमार ने बताया कि छठ महापर्व आ गया है। इस दिन घग्गर नदी के पास हजारों की संख्या में लोग आकर पूजा करते हैं। लेकिन, इस बार घग्गर नदी के पास स्थित बिल्कुल ठीक नहीं है। प्रशासन से अपील की कि इस ओर थोड़ा ध्यान दिया जाए। नदी की साफ सफाई कराई जाए, ताकि छठ में व्रती महिलाएं यहां पवित्रता से पूजा कर सकें।

साफ-सफाई में प्रशासन करे मदद

कमेटी के सुधीर कुमार ने बताया, हर साल छठ महापर्व दिवाली के आठ दिन बाद मनाया जाता है। लेकिन, इस बार नदी की स्थिति ठीक नहीं है। घग्गर नदी में केमिकल काफी मात्रा में है, जो महिलाएं यहां पर आकर पूजा करेंगी, उनके बीमार होने का खतरा बना रहेगा। सरकार से अपील है कि वह इस ओर ध्यान दे और पानी को साफ करवाया जाए। जिन कंपनियों का केमिकल इस नदी में आता है, उसको बंद करवाया जाए। उन्होंने कहा, उनकी चार-पांच लोगों की कमेटी है, जो यहां पर हर साल साफ सफाई करवाती है, लेकिन प्रशासन की तरफ से किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलती है।

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Rahul Kumar Rawat

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