Chhattisgarh News: कसडोल में आंगनबाड़ी केंद्रों की पोल खुली, डॉ. वर्णिका शर्मा ने जताई नाराजगी, दिए सुधार के सख्त निर्देश
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने कसडोल क्षेत्र का आकस्मिक दौरा कर बच्चों से जुड़े विभिन्न संस्थानों की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 04 और पी.एम. स्वामी आत्मानंद एक्सीलेंस इंग्लिश मीडियम हायर सेकेंडरी स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान दोनों स्थानों पर कई गंभीर कमियाँ सामने आईं, जिन पर उन्होंने कड़ी नाराज़गी जताई और तुरंत सुधार के निर्देश दिए।
Chhattisgarh News: “बच्चों की सुरक्षा सरकार की पहली जिम्मेदारी”
निरीक्षण के दौरान डॉ. शर्मा ने स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि बच्चों की देखभाल से जुड़ी संस्थाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यक होने पर कड़े कदम उठाए जाएंगे।
Chhattisgarh News Today: आंगनबाड़ी केंद्र की दयनीय स्थिति
आंगनबाड़ी केंद्र के निरीक्षण में कई चिंताजनक तथ्य सामने आए। भवन की दीवारों का प्लास्टर उखड़ चुका था। छत काफी जर्जर हालत में थी। दीवारों में गहरी दरारें दिखाई दे रही थीं। बच्चों के लिए सुरक्षित व अनुकूल माहौल का अभाव था। इन परिस्थितियों को देखते हुए डॉ. शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को भवन की तत्काल मरम्मत और पुनर्निर्माण के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे असुरक्षित भवन में बच्चों का रहना जोखिम भरा है, इसलिए जल्द कार्रवाई की जाए।
स्कूल परिसर में गंदगी और नशे के पदार्थों की शिकायत
पी.एम. स्वामी आत्मानंद स्कूल का निरीक्षण करते समय भी कई अनियमितताएं मिलीं। स्कूल परिसर में साफ-सफाई की बहुत खराब स्थिति थी। सबसे गंभीर बात यह सामने आई कि विद्यालय के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री की सूचना मिली। डॉ. शर्मा ने इसे बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने इसे बच्चों के अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन माना और स्कूल प्रबंधन एवं संबंधित विभागों को तुरंत सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
22 दिसंबर तक रिपोर्ट जमा करने के निर्देश
आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को आदेश दिया कि वे 22 दिसंबर 2025 को दोपहर 2 बजे तक सुधारात्मक कार्यों की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट आयोग कार्यालय में प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया जाए कि निरीक्षण में मिली खामियों को दूर करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।
कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू
निरीक्षण में सामने आई गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए आयोग ने बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2005 की धारा 13 और 14 के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यह स्पष्ट संकेत है कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में अब कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।