Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

चीन छुपा रहा कोरोना के आंकड़े, रोजाना आ रहे दस लाख केस, हालात हुए बेकाबू

चीन में कोरोना से हालात खराब होते जा रहे हैं। लगातार सामने आ रहे आंकड़े डरा रहे है। कोरोना के आंकड़ो को लेकर लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने दावा किया है कि चीन में रोजाना 10 लाख कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं।

12:47 PM Dec 23, 2022 IST | Desk Team

चीन में कोरोना से हालात खराब होते जा रहे हैं। लगातार सामने आ रहे आंकड़े डरा रहे है। कोरोना के आंकड़ो को लेकर लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने दावा किया है कि चीन में रोजाना 10 लाख कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं।

चीन में कोरोना से हालात खराब होते जा रहे हैं। लगातार सामने आ रहे आंकड़े डरा रहे है। कोरोना के आंकड़ो को लेकर लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने दावा किया है कि चीन में रोजाना 10 लाख कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं।
Advertisement
 साथ ही आंकड़े बता रहे हैं कि 24 घंटे में 5 हजार मौतें हो रही हैं। लेकिन चिंता की बात है कि हालात इसी तरह रहे तो जनवरी में डेली केसेस बढ़कर 37 लाख के पार पहुंच जाएंगे। वहीं मार्च में यह आंकड़ा 42 लाख तक पहुंच सकता है। 
चीन पर बार बार आंकड़े छुपाने का लगा आरोप 
वहीं चीन पर बार बार आंकड़े छुपाने का आरोप लग रहा है। एसा इसलिए क्योंकि चीन सही आकड़ों से बच रहा है। चीन की ओर से आधिकारिक आंकड़ों में गुरुवार को महज 4 हजार नए मामलों की जानकारी दी गई लेकिन ये असली आंकड़े नहीं है। इसके पहले एयरफिनिटी ने अपने अनुमान में बताया था कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें हो सकती हैं। उधर दुनिया में भी केस बढ़ रहे हैं। US में संक्रमितों का आंकड़ा 10 करोड़ के पार पहुंचा। जापान में 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है। हकीकत में ये आंकड़े डराने वाले हैं। 
चीन के अस्पतालों में कम पड़ रहे बेड
चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक बार फिर बॉर्डर सील करना शुरू कर दिया है। वहीं चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि एक हफ्ते के अंदर कोरोना का पीक आने की आशंका है। इससे गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ेगी जिससे हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भार आएगा। 
Advertisement
Next Article