चीन ने कोरोना का टीका विकसित करने के लिए भारत व ब्रिक्स सदस्य के साथ सहयोग की पेशकश की
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टीके विकसित करने में मंगलवार को भारत और अन्य ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग की पेशकश की
01:16 AM Nov 18, 2020 IST | Desk Team
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए टीके विकसित करने में मंगलवार को भारत और अन्य ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग की पेशकश की तथा इस संबंध में परंपरागत चिकित्सा पर ब्रिक्स के सदस्य देशों की एक संगोष्ठी की जरूरत बताई। शी ने ब्रिक्स देशों के 12वें सम्मेलन को वीडियो लिंक से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चीनी कंपनियां टीकों के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के लिए अपने रूसी और ब्राजीली साझेदारों के साथ काम कर रही हैं। हम दक्षिण अफ्रीका और भारत के साथ भी सहयोग के लिए तैयार हैं।’’
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रूस के राष्ट्रवति व्लादिमीर पुतिन की मेजबानी में आयोजित डिजिटल सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो और दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति साइरियल रामाफोसा ने शिरकत की। शी ने कहा, ‘‘चीन कोविड-19 संबंधी वैश्विक कोवेक्स प्रणाली में शामिल हुआ है और जरूरत पड़ने पर ब्रिक्स देशों को टीके मुहैया कराने पर सक्रियता से विचार करेगा।’’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि चीन द्वारा विकसित किये जा रहे दो टीकों समेत नौ संभावित कोविड-19 टीकों को कोवेक्स में शामिल करने पर मूल्यांकन चल रहा है। कोवेक्स, अंतरराष्ट्रीय टीका गठजोड़-गावी, कॉलिशन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन्स (सेपी) और डब्ल्यूएचओ का संयुक्त उपक्रम है। इसका उद्देश्य टीकों का विकास और उत्पादन तेज करना है।
शी ने कहा, ‘‘ब्रिक्स के टीका अनुसंधान और विकास केंद्र के विकास को समर्थन देने के लिए चीन ने अपना खुद का राष्ट्रीय केंद्र बनाया है। मेरा प्रस्ताव है कि हम परंपरागत चिकित्सा पर ब्रिक्स देशों की एक संगोष्ठी आयोजित करें ताकि कोरोना वायरस की रोकथाम और उपचार में इस चिकित्सा प्रणाली की भूमिका का अध्ययन किया जा सके।’’
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को एकता के साथ विभाजन से उबरना चाहिए और वायरस को परास्त करने के लिए अधिक से अधिक वैश्विक ऊर्जा को संचित करना चाहिए। चीन के राष्ट्रपति ने अपने भाषण में ब्रिक्स देशों द्वारा बहुपक्षवाद और वैश्वीकरण का समर्थन किये जाने की जरूरत बताई। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
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