चीनी विदेश मंत्री ने काबुल पहुंचकर सबको चौंकाया, जानेें क्या हैं ‘ड्रैगन’ की अफगानिस्तान में दिलचस्पी की वजह
चीन के विदेश मंत्री वांग यी पाकिस्तान के बाद अचानक से अफगानिस्तान पहुंचे हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बृहस्पतिवार को काबुल पहुंचकर सबको चौंका दिया।
04:19 PM Mar 24, 2022 IST | Desk Team
चीन के विदेश मंत्री वांग यी पाकिस्तान के बाद अचानक से अफगानिस्तान पहुंचे हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बृहस्पतिवार को काबुल पहुंचकर सबको चौंका दिया। वह अफगानिस्तान के तालिबान शासकों से मिलने के लिए काबुल पहुंचे। हालांकि, कक्षा छह से ऊपर की लड़कियों के लिए स्कूल खोलने के वादे को तोड़ने जैसे रूढ़िवादी कदम को लेकर एक दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तालिबान शासन पर नाराजगी जताई थी।
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अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो के साथ चले 20 साल के युद्ध की समाप्ति के बाद
मीड़िया रिपोर्ट्स के मुताबिक वांग यी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए तालिबान के नेताओं से मिलेंगे। राजनीतिक संबंध, आर्थिक मामले और आपसी सहयोग के मुद्दों पर वह चर्चा करेंगे।अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो के साथ चले 20 साल के युद्ध की समाप्ति के बाद पिछले साल अगस्त में तालिबन ने अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथ में ली। इसके बाद से तालिबान की कोशिश अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त करने की है ताकि वह अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सके, जो उसके आगमन के बाद से ही लगातार गिर रही है।
चीन ने अब तक तालिबान शासकों की आलोचना करने से परहेज ही किया
चीन ने अभी तक तालिबान को मान्यता देने का कोई संकेत नहीं दिया है। स्कूल जाने और काम करने के लिहाज से महिलाओं के प्रति दमनकारी नीति के बावजूद चीन ने अब तक तालिबान शासकों की आलोचना करने से परहेज ही किया है।
अफगानिस्तान का अब तक दौरा करने वाले शीर्ष स्तर के चुनिंदा नेताओं में अब वांग भी शामिल हो गये हैं। चीन भले ही तालिबान को मान्यता देने से इनकार करता रहा है, लेकिन वह उससे लगातार संपर्क में है। चीन के अफगानिस्तान में खनन और आर्थिक हित हैं। तालिबान और चीनी अधिकारियों के बीच बातचीत से अवगत अफगान सूत्रों के मुताबिक चीन तालिबान शासकों से यह आश्वासन चाहता है कि वह चीन के उइघर विद्रोहियों को अपने यहां से अभियान चलाने की अनुमति नहीं देंगे।
विद्रोही खोराजान प्रांत में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठन के संपर्क में
इस तरह की खबरें हैं कि उइघर के ‘पूर्वी तुर्किस्तान आंदोलन’ के सदस्य, जो उत्तर पश्चिम चीन में स्वतंत्र देश की मांग कर रहे हैं, अफगानिस्तान में मौजूद हैं। इसके अलावा उइघर विद्रोही खोराजान प्रांत में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठन के संपर्क में हैं। चीन के उत्तर पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में अल्पसंख्यक मुस्लिम उइघर के खिलाफ बीजिंग की कठोर कार्रवाई को लेकर लगातार खबरों के बावजूद इस हफ्ते पड़ोसी देश पाकिस्तान में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में वांग का विशेष अतिथि के रूप में स्वागत किया गया।
यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए वार्ता की अपील की
इस बैठक में वांग ने यूक्रेन में युद्ध खत्म करने के लिए वार्ता की अपील की। लेकिन पाकिस्तान समेत आईआईसी के किसी भी सदस्य देश ने मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ चीन की उन कठोर कार्रवाइयों को लेकर कोई आवाज नहीं उठाई, जिनमें मस्जिदों का गिराया जाना और धार्मिक कार्यों में शामिल उइघर मुस्लिमों को जेल भेजना आदि शामिल है।
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