CM गहलोत की प्रधानमंत्री मोदी से मांग, बोले- राजस्थान सरकार के पांच प्रमुख कार्यक्रम देश भर में करवाएं लागू
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार की पांच प्रमुख योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री से मांग की कि वे इन्हें पूरे देश में लागू करवाएं।
03:18 PM Dec 14, 2022 IST | Desk Team
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार की पांच प्रमुख योजनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री से मांग की कि वे इन्हें पूरे देश में लागू करवाएं।इसके साथ ही गहलोत ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सोच ‘प्रतिक्रियावादी’ है।‘भारत जोड़ो यात्रा’ के साथ जुड़े मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा रसोई योजना, शहरी रोजगार गारंटी योजना, किसानों को 1000 रुपये प्रति माह की सम्मान राशि देने की योजना आदि का जिक्र किया और कहा कि महंगाई के समय में ये योजनाएं लोगों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।गहलोत ने कहा, ‘‘देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी ऐसी कोई योजना नहीं है। हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि हमारे जो पांच कार्यक्रम हैं, उन्हें आप पूरे देश में लागू करवाएं।’’इसके साथ ही आम लोगों की सामाजिक सुरक्षा पर जोर देते हुए गहलोत ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह पूरे देश के लिए पेंशन की नीति बनाएं और बुजुर्गों आदि को पेंशन के बारे में नीतिगत फैसला किया जाए।
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राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में गहलोत ने कहा, ‘‘हमने पूरा इलाज मुफ्त कर दिया है। हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। हिंदुस्तान के किसी राज्य में दस लाख रुपये का बीमा नहीं किया गया है। इसके अलावा अंग प्रत्यारोपण निशुल्क किया जा रहा है। उसके लिए अलग पैकेज बना दिया गया है। इसी योजना से पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी जुड़ा है।’’गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार को कानून बनाने के लिए ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ विधेयक विधानसभा में पेश किया। एक वर्ग की आपत्तियों के बाद इसे प्रवर समिति के पास भेजा गया था। आगामी विधानसभा में इसे दुबारा लाया जाएगा।केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए गहलोत ने उसे ‘प्रतिक्रियावादी’ बताया।
गहलोत ने कहा, ‘‘वे सत्ता में जरूर हैं लेकिन उनकी सोच कभी प्रगतिशील नहीं रही। भाजपा व जनसंघ वाले प्रतिक्रियावादी लोग रहे हैं… जो समय के साथ साथ धर्म के नाम पर सत्ता में आ गए हैं।’’गहलोत ने कहा, ‘‘धर्म के नाम पर सत्ता में आना एक अलग बात है लेकिन लोकतंत्र में नीति, कार्यक्रम और सिद्धांत के आधार पर राजनीति करना दूसरी बात है जो कि देश में होनी चाहिए।’’कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने विकास के ‘गुजरात मॉडल’ पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ‘‘बार बार जब गुजरात मॉडल की बात होती है… हमारे प्रधानमंत्री ने ‘पीएम’ की परिभाषा ही बदल दी है। ‘पीएम’ मतलब प्रधानमंत्री नहीं बल्कि इसका मतलब ‘पैकेजिंग एंड मार्केटिंग’ हो गया है जो पैकेजिंग और मार्केटिंग करते हैं। उनका कोई मुकाबला नहीं उसमें वे बहुत माहिर है।’’उन्होंने कहा, ‘‘असली बात तो यह है कि अलग अलग राज्यों में जो काम किए गए हैं वे गुजरात से भी अधिक प्रभावशाली हैं और जनता के लिए फायदेमंद रहे हैं।’’
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