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कत्यूर महोत्सव में CM पुष्कर सिंह धामी का संबोधन, कई विकास परियोजनाओं को मिली मंजूरी

गरुड़ में शहरी पेयजल योजना को मिली मंजूरी

04:57 AM Apr 14, 2025 IST | Himanshu Negi

गरुड़ में शहरी पेयजल योजना को मिली मंजूरी

कत्यूर महोत्सव में cm पुष्कर सिंह धामी का संबोधन  कई विकास परियोजनाओं को मिली मंजूरी

कत्यूर महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई विकास परियोजनाओं की मंजूरी दी। गरुड़ में शहरी पेयजल योजना, इंटर कॉलेज गागरीगोल में विज्ञान कक्षाओं की मान्यता और चक्रवर्ती मंदिर का सौंदर्यीकरण शामिल हैं। इस अवसर पर पांडे रामलीला मैदान में टिन शेड और महोत्सव के आयोजन के लिए 2 लाख रुपये प्रदान किए गए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कत्यूर महोत्सव को वर्चुअली संबोधित करते हुए कई परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस दौरान CM धामी ने कहा कि गरुड़ में शहरी पेयजल योजना को मंजूरी दी जाएगी। इंटर कॉलेज गागरीगोल में विज्ञान की कक्षाओं को मान्यता दी जाएगी। साथ ही केडी में चक्रवर्ती मंदिर में एक घाट और एक सभा भवन का निर्माण और सौंदर्यीकरण किया भी जाएगा। इन सभी परियोजना की मंजूरी के बाद पांडे रामलीला मैदान में एक टिन शेड का निर्माण और कत्यूर महोत्सव के आयोजन के लिए 2 लाख रुपये प्रदान किए जाएंगे।

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कत्यूर राजवंश की राजधानी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बैजनाथ की ऐतिहासिक भूमि 7वीं शताब्दी में कत्यूर राजवंश की राजधानी थी। कत्यूरी शासक अपनी समृद्ध कला, गौरवशाली संस्कृति, धार्मिक भक्ति और न्यायपूर्ण शासन के लिए प्रसिद्ध थे। कत्यूरी शासनकाल के दौरान निर्मित प्राचीन बैजनाथ मंदिर उत्तराखंड और पूरे भारत में आस्था का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। भगवान शिव को समर्पित यह तीर्थस्थल कत्यूरी युग की स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। कत्यूर महोत्सव को क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को व्यापक पहचान दिलाने एक सराहनीय प्रयास है। इस तरह के आयोजन परंपराओं को संरक्षित करने और उन्हें भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उत्तराखंड की रीति-रिवाजों पर गर्व होना चाहिए

CM धामी ने जोर देते हुए कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति इसकी असली पहचान है और निवासियों को अपनी पारंपरिक कला, पहनावे, खान-पान और रीति-रिवाजों पर गर्व होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में राज्य सरकार उत्तराखंड के विकास, धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने केदारखंड की तरह मानसखंड सर्किट के तहत कुमाऊं में पौराणिक मंदिरों के पुनरुद्धार और सौंदर्यीकरण के प्रयासों का भी जिक्र किया। इस पहल के तहत बैजनाथ धाम और मां कोट भ्रामरी मंदिर का विकास किया जा रहा है।

पर्यटन बढ़ाने पर जोर

केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने ग्वालदम, बैजनाथ, बागेश्वर, मुनस्यारी, धारचूला, आदि कैलाश और पूर्णागिरी तक फैले पर्यटन सर्किट के माध्यम से केदारखंड को मानसखंड से जोड़ने की सरकार की योजना पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इससे तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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Himanshu Negi

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