दिल्ली की हर विधानसभा में होगी जनसुनवाई, हमले के बाद CM Rekha Gupta का बड़ा ऐलान
दिल्ली की CM Rekha Gupta पर बुधवार को उनके आवास पर 'जन सुनवाई' के दौरान हमला हुआ। इस हमले के अगले ही दिन, उन्होंने एक बड़ा एलान करते हुए कहा कि अब जनसुनवाई सिर्फ उनके घर पर नहीं, बल्कि दिल्ली की हर विधानसभा में होगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CM Rekha Gupta ने कहा कि अब जनता को सिर्फ मुख्यमंत्री निवास पर आने की जरूरत नहीं होगी। वह खुद हर विधानसभा में जाकर लोगों की बात सुनेंगी। उनका कहना है कि जनता से सीधा संवाद उनकी प्राथमिकता है, और इस हमले से वह पीछे नहीं हटेंगी।
सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट
CM Rekha Gupta ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक फोटो के साथ एक भावुक पोस्ट साझा की। उन्होंने अपने पिता के साथ जुड़ी एक पुरानी याद को साझा करते हुए लिखा कि जब वह कॉलेज में थीं, तब उनके पिता ने उन्हें कार दी थी। एक दिन उनका एक्सीडेंट हो गया और वह डर के कारण कार चलाना छोड़ना चाहती थीं। उनके पिता ने तब कहा था कि "दुर्घटनाएं जीवन का हिस्सा हैं, डर के कारण रास्ता छोड़ना नहीं चाहिए।" CM Rekha Gupta ने कहा कि इस घटना ने उन्हें जीवन भर प्रेरित किया, और आज फिर उसी सीख ने उन्हें मजबूत बनाया है।
हमलों से नहीं डरेंगी
CM Rekha Gupta ने कहा कि बुधवार को जो कुछ भी हुआ, वह एक और चुनौती थी। लेकिन वह दिल्ली के लोगों के लिए लड़ना कभी बंद नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि "मेरे जीवन का हर पल और मेरा हर प्रयास दिल्लीवासियों के लिए है।"
महिलाओं की ताकत पर जोर
रेखा गुप्ता ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि महिलाओं के अंदर दुखों से लड़ने की दोहरी ताकत होती है। उन्हें खुद को साबित करने के लिए कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन वह तैयार हैं। अपने पोस्ट के अंत में उन्होंने एलान किया – "अब जनसुनवाई सिर्फ मेरे निवास तक सीमित नहीं रहेगी। मैं हर विधानसभा में जाऊंगी। आपकी मुख्यमंत्री, आपके द्वार आएगी।"
अटल बिहारी वाजपेयी की कविता से प्रेरणा
CM Rekha Gupta ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रसिद्ध कविता की पंक्तियां भी साझा कीं:
"बाधाएं आती हैं आएं,
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों से हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा।"
इस कविता के जरिए उन्होंने यह संदेश दिया कि मुश्किलें चाहे जितनी भी हों, रुकना नहीं है, आगे बढ़ते रहना है।