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सम्राट अशोक की तुलना मामले ने बढ़ाई BJP-JDU में तकरार, जायसवाल ने पढ़ाया मर्यादा का पाठ

सम्राट अशोक की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने के बाद से ही जदयू और भाजपा में चली आ रही तल्खी के बीच भाजपा नेतृत्व ने जदयू नेताओं को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है।

03:28 PM Jan 17, 2022 IST | Desk Team

सम्राट अशोक की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने के बाद से ही जदयू और भाजपा में चली आ रही तल्खी के बीच भाजपा नेतृत्व ने जदयू नेताओं को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है।

सम्राट अशोक की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने के बाद से ही बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में चली आ रही तल्खी के बीच आज प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने जदयू नेताओं को मर्यादा में रहने की नसीहत दी है। दरअसल, सम्राट अशोक को लेकर उपजे विवाद और फिर दोनों दलों की तरफ से लगातार हो रही बयानबाजी के बाद बिहार भाजपा के अध्यक्ष एवं सांसद संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से जदयू पर जमकर निशाना साधा है। 
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संजय जायसवाल ने कहा- NDA की मर्यादा का ख्याल एकतरफा नहीं चलेगा
संजय जायसवाल ने कहा कि राजग की मर्यादा का ख्याल एकतरफा नहीं चलेगा। उन्होंने जदयू नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यही रवैया रहा तो भाजपा की तरफ से भी ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास भी 76 लाख कार्यकर्ता हैं। साथ ही उन्होंने बगैर नाम लिए हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को भी निशाने पर लिया है। साथ ही यह भी कह दिया कि भाजपा को जवाब देना आता है।
BJP ने JDU को लिया आड़े हाथों 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘चलिए माननीय जी को यह समझ आ गया कि राजग गठबंधन का निर्णय केंद्र द्वारा है और बिल्कुल मजबूत है इसलिए हम सभी को साथ चलना है। फिर बार-बार महोदय मुझे और केंद्रीय नेतृत्व को टैग कर न जाने क्यों प्रश्न करते हैं। राजग गठबंधन को मजबूत रखने के लिए हम सभी को मर्यादाओं का ख्याल रखना चाहिए। यह एकतरफा अब नहीं चलेगा।’ 
जायसवाल ने JDU को गिनाई मर्यादा की शर्तें 
जायसवाल ने कहा कि ‘इस मर्यादा की पहली शर्त है कि देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर-ट्विटर ना खेलें। प्रधानमंत्री प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के गौरव भी हैं और अभिमान भी। उनसे अगर कोई बात कहनी हो तो जैसा माननीय ने लिखा है कि बिल्कुल सीधी बातचीत होनी चाहिए। ट्विटर-ट्विटर खेलकर यदि उनपर सवाल करेंगे तो बिहार के 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में हम सब इसका ध्यान रखेंगे।
भाजपा नहीं चाहती भारत के स्वर्णिम इतिहास में कोई छेड़छाड़ 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने इसके साथ ही यह भी कहा, ‘आप सब बड़े नेता है। एक बिहार में एवं दूसरे केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। फिर इस तरह की बात कहना कि राष्ट्रपति जी द्वारा दिए गए पुरस्कार को प्रधानमंत्री वापस लें, से ज्यादा बकवास कुछ हो ही नहीं सकता। दयाप्रकाश सिन्हा का हम आप से 100 गुना ज्यादा बड़ा विरोध करते  हैं क्योंकि आपके लिए यह मुद्दा बिहार में शैक्षिक सुधार जैसा मुद्दा है जबकि जनसंघ और भाजपा का जन्म ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर हुआ है। हम अपनी संस्कृति और भारतीय राजाओं के स्वर्णिम इतिहास में कोई छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकते। लेकिन, हम यह भी चाहते हैं कि बख्तियार खिलजी से लेकर औरंगजेब तक के अत्याचारों की सही गाथा आने वाली पीढ़ियों को बताई जाए।’
74 वर्ष में नहीं हुई किसी पद्मश्री पुरस्कार की वापसी :जायसवाल 
जायसवाल ने कहा कि 74 वर्ष में एक घटना नहीं हुई जब किसी पद्मश्री पुरस्कार की वापसी हुई हो। पहलवान सुशील कुमार पर हत्या के आरोप सिद्ध हो चुके हैं उसके बावजूद भी राष्ट्रपति ने उनका पदक वापस नहीं लिया क्योंकि पुरस्कार वापसी मसले पर कोई निश्चित मापदंड नहीं है जबकि चाहे वह हरिद्वार में घटित धर्म संसद हो या सैंकड़ों हेट स्पीच, सरकार न केवल इन पर संज्ञान लेती है बल्कि बड़े से बड़े व्यक्ति को भी जेल में डालने से नहीं हिचकती।
बिहार सरकार दया प्रकाश सिन्हा को दिलवाए सजा 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सबसे पहले बिहार सरकार दया प्रकाश सिन्हा को उनकी प्राथमिकी के आलोक में गिरफ्तार करे और फास्ट ट्रैक कोर्ट से तुरंत सजा दिलवाये। उसके बाद बिहार सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति के पास जाकर हम सभी की बात रखे कि एक सजायाफ्ता मुजरिम का पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए। बिहार सरकार अच्छे वातावरण में शांति से चले यह सिर्फ हमारी जिम्मेवारी नहीं बल्कि आप की भी है। अगर कोई समस्या है तो हम सब मिल बैठकर उसका समाधान निकालें।

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