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मानदेय में बढ़ोतरी से 25 लाख आंगनवाड़ी कर्मियों की शिकायतें हुई दूर : जेटली

जेटली ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राष्ट्रीय पोषण मिशन के मुख्य आधार हैं। देश में करीब 12.9 लाख आंगनवाड़ी कर्मी तथा 11.6 लाख आंगनवाड़ी सहायक हैं।

09:42 AM Sep 16, 2018 IST | Desk Team

जेटली ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राष्ट्रीय पोषण मिशन के मुख्य आधार हैं। देश में करीब 12.9 लाख आंगनवाड़ी कर्मी तथा 11.6 लाख आंगनवाड़ी सहायक हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार द्वारा आंगनवाड़ी तथा आशा कर्मियों के मानदेय में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने से 25 लाख कर्मियों की शिकायतें दूर हुई हैं। जेटली ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि आंगनवाड़ी कर्मियों तथा उनके सहयोगी काफी लंबे अरसे से मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें राजस्व के बारे में विचार कर इन कर्मियों को लाभ देने से हिचकिचाती रहीं।

वित्त मंत्री ने कहा, ”बजट पर पड़ने वाले दबाव को जानते हुए भी सरकार ने इन कर्मियों के मानदेय में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि की है। इससे उनकी लंबे अरसे से चली आ रही शिकायतों को दूर करने में मदद मिलेगी।” इससे पहले इसी सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों के मानेदय में अक्तूबर से वृद्धि की घोषणा की थी।

आंगनवाड़ी कर्मियों का मानदेय 3,000 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये मासिक किया गया है। छोटे आंगनवाड़ी कर्मियों का मानदेय 2,250 से 3,500 रुपये मासिक और सहायकों का मानदेय 1,500 से बढ़ाकर 2,250 रुपये मासिक किया गया है। इन कर्मियों के प्रदर्शन के आकलन के आधार पर इन्हें क्रमश: 500 और 250 रुपये का प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

जेटली ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राष्ट्रीय पोषण मिशन के मुख्य आधार हैं। देश में करीब 12.9 लाख आंगनवाड़ी कर्मी तथा 11.6 लाख आंगनवाड़ी सहायक हैं। जेटली ने कहा कि यह लाभ करीब 24.9 लाख आंगनवाड़ी कर्मियों और उनके सहायकों को मिलेगा। अपने फेसबुक पोस्ट ‘केंद्र सरकार की दो सफल पहल’ में जेटली ने लिखा है कि पूर्व में सरकार की योजना को लेकर एक आम अविश्वास की भावना होती थी।

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उन्होंने कहा कि इसकी प्रमुख वजह यह है कि पूरा लाभ या तो लक्षित लोगों तक नहीं पहुंच पाता था या फिर तय मानदंड हासिल नहीं हो पाते थे। लेकिन आज योजनाएं कुछ भिन्नता के साथ हैं। स्वच्छ भारत अभियान संभवत: इनमें सबसे सफल पहल है। जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के स्वतंत्रता दिवस के भाषण में स्वच्छता अभियान की घोषणा की थी। उस तक ग्रामीण स्वच्छता दायरा 39 प्रतिशत था जो आज बढ़कर 92 प्रतिशत हो गया है।

इसी तरह जब प्रधानमंत्री ने 2019 में महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती तक खुले में शौच को समाप्त करने की घोषणा की थी तो बहुत से लोगों का मानना था कि यह सिर्फ तस्वीर खिंचवाने का मौका हैं। जेटली ने कहा कि आज यह एक बड़ा अभियान बन चुका है। ग्रामीण महिलाएं इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़क, ग्रामीण विद्युतीकरण, ग्रामीण आवास योजना, शौचालय और रसोई गैस कनेक्शन तथा सस्ते दाम पर खाद्यान्न जैसी योजनाओं की वजह से देश के ग्रामीणों के जीवनस्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है।

इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रत्येक परिवार को पांच लाख रुपये तक का अस्पताल का खर्च उपलब्या होगा। इस योजना के पूरी तरह लागू होने के बाद देश की ग्रामीण आबादी के जीवनस्तर की गुणवत्ता उल्लेखनीय रूप से सुधर सकेगी।

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