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चीन को लेकर चिंता खत्म! छह मुद्दों पर बनी सहमति, कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर होगी शुरू

चीन कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर राजी हो गया है।

06:33 AM Dec 19, 2024 IST | Ranjan Kumar

चीन कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर राजी हो गया है।

चीन को लेकर चिंता खत्म  छह मुद्दों पर बनी सहमति  कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर होगी शुरू
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भारत और चीन के रिश्तों में कुछ समय से मिठास आ रहा है। कुछ महीने पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर हुए गश्त समझौते के बाद अब चीन कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर राजी हो गया है। भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की चीन यात्रा के दौरान यह सहमति बनी है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कुल छह मुद्दों पर सहमति बनी।

भारत ने सीमा विवाद के निष्पक्ष समाधान पर जोर दिया। डोभाल और वांग यी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को दोबारा शुरू करने, नदी से संबंधित आंकड़ों को साझा करने, सीमा पार सहयोग के लिए सकारात्मक दिशा पर ध्यान केंद्रित करने पर बात की। हालांकि, विशेष प्रतिनिधि (SR) स्तर की 23वीं वार्ता के संबंध में भारत के बयान में छह सूत्री सहमति का जिक्र नहीं है, जिसका वार्ता के अंत में चीनी पक्ष के बयान में किया गया था।

पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात से मधुर हुए रिश्ते

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने जमीनी स्तर पर शांति व्यवस्था कायम रखने पर जोर दिया। मंत्रालय के मुताबिक डोभाल और वांग क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए स्थिर और सौहार्दपूर्ण संबंधों की महत्ता पर सहमत हुए। बता दें, 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई बैठक में विशेष प्रतिनिधि वार्ता तंत्र को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया गया था। उसके दो दिन पहले भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग में सेनाओं की वापसी पर राजी हुए थे।

सीमा मुद्दे के समाधान के लिए स्वीकार्य ढांचे की मांग

विदेश मंत्रालय का कहना है कि एसआर ने सीमा मुद्दे के समाधान के लिए निष्पक्ष, उचित एवं पारस्परिक रूप से स्वीकार्य ढांचे की मांग की। साथ ही समग्र द्विपक्षीय संबंधों के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य कायम रखने के महत्व को दोहराया। साथ ही इस प्रक्रिया में और जीवंतता लाने का संकल्प लिया। बता दें, पांच साल के अंतराल पर एसआर वार्ता हुई। पिछली बार दिसंबर 2019 में नई दिल्ली में इसका आयोजन किया गया था। वार्ता के लिए भारत के विशेष प्रतिनिधि एनएसए डोभाल हैं। दूसरी ओर चीनी का नेतृत्व विदेश मंत्री वांग कर रहे हैं।

चीन ने क्या कहा?

चीन ने अपने बयान में कहा है कि डोभाल और वांग यी ने सार्थक चर्चा की। दोनों के बीच छह सूत्री आम सहमति बनी। इनमें सीमाओं पर शांति बनाए रखने, संबंधों के स्वस्थ एवं स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए आगे कदम उठाना शामिल है। चीन के मुताबिक दोनों पदाधिकारियों का मानना ​​था कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों की समग्र स्थिति के परिप्रेक्ष्य में उचित तरीके से संभालाना चाहिए, जिससे संबंधों के विकास पर असर न पड़े।

डोभाल ने चीनी उपराष्ट्रपति से भी की मुलाकात

डोभाल चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मिले। डोभाल ने वांग को अगले दौर की विशेष प्रतिनिधि बैठक के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर भारत आने का निमंत्रण दिया। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैन्य गतिरोध शुरू हुआ था। इसके बाद जून 2020 में ही गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। उसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हुआ था।

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Ranjan Kumar

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