कांग्रेस को हर साल इमरजेंसी के लिए माफी मांगनी चाहिए - श्वेत मलिक
पंजाब में आपातकाल की 43वीं वर्षगांठ अकाली-भाजपा ने ‘काले दिवस’ के तौर पर मनाई , पैट्रोलियम पदार्थो पर वैट कम करने के लिए पंजाब भर में हुए धरना प्रदर्शन
लुधियाना : देश में इमरजेंसी की 43वीं वर्षगांठ पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से गुरू नानक भवन में काला दिवस मनाया गया, जिसमें मुखय अतिथि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्वेत मलिक रहे। मलिक ने कांग्रेस पर इमरजेंसी के जरिए लोकतंत्र को कुचलने का इल्जाम लगाया।
उन्होंने कहा कि देश यह दिन कभी नहीं भूलेगा और कांग्रेस को इसके लिए हर साल माफी मांगनी चाहिए। जबकि अकाली भाजपा ने पेट्रोलियम पदार्थो पर वेट कम करने के लिए सूबे के अलग-अलग जिलों मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनों में कांग्रेस सरकार की नीतियों की खिली उड़ाने के लिए विशेष तौर पर अकाली-भाजपा संगठनों के आगु मौजूद थे।
इधर लुधियाना में श्वेत मलिक ने कांग्रेस में परिवारवाद का आरोप लगाया कि पहले नेहरू, उसके बाद इंदिरा गांधी राजीव गांधी और अब सोनिया गांधी व राहुल गांधी पार्टी की सत्ता पर काबिज हैं। उन्होंने पंजाब में कांग्रेस सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि राज्य में नशा रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
कांग्रेस सरकार ने चुनावों से पहले 4 सप्ताह के भीतर नशा खत्म करने की बात कही थी, आज 15 महीने होने को है। जबकि खनन माफिया को लेकर उन्होंने कहा कि जब राजा ही व्यापारी बन जाए जनता भिखारी बन जाती है। माफिया को सरकार की शह प्राप्त है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। श्वेत मलिक ने कैप्टन सरकार के सवा साल के कार्यकाल को बुरी तरह फेल करार दिया।
उन्होंने कहा कि पंजाब में चुनावों के दौरान कैप्टन ने जो-जो वायदे पंजाब की जनता से किए थे, उनमें से एक भी वायदा पूरा नहीं हुआ और पंजाब अघोषित एमरजेंसी का शिकार है। उन्होंने कैप्टन सरकार पर आरोप लगाते कहा कि वर्तमान राज में नशा, रेत माफिया, गुंडागर्दी और महिलाओं की सुरक्षा के मामले में सरकार पूरी तरह विफल है। श्वेत मलिक द्वारा कैप्टन से त्याग पत्र मांगते हुए मांग की कि अगर कांग्रेस से पंजाब की व्यवस्था नहीं संभल रही तो सूबे की कमान अकाली-भाजपा को सौंप दे।
इस अवसर पर दयाल सिंह सोढ़ी, प्रवीण बंसल, जीवन गुप्ता, रेणु थापर, अनिल सरीन, केवल कुमार, जनार्दन शर्मा इत्यादि ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर इमरजंसी में जेल काटने वाले कर्मठ कार्यकर्तों रमेश शर्मा, प्रेम चंद दुग्गल,सतपाल गोसाई,बजरंग लाल खत्री,राधे शाम खत्री,अर्जुन दास खत्री,तरसेम लाल जैन,सतपाल भाटिया, इंदरजीत वर्मा,जगदीश लाल बिंद्रा,बनवारी लाल चौहान,यशपाल ठाकुर,विहारी लाल सिंगल,मस्तान चंद कपूर,देवराज शर्मा,सुधामा तिवरी,हाकिम शाम दास,सातपाल भंडारी,रमेश महाजन,प्रेम महाजन,को सन्मानित किया गया।
– सुनीलराय कामरेड
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