बीजेपी की सभाओं में गूंज रहे 'जनसंख्या नियंत्रण करो' के नारे
बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की ही रैली नहीं बल्कि दिल्ली में नुक्कड़ सभाएं करने में जुटे अन्य नेताओं के सामने भी पार्टी कार्यकर्ता और आम जनता से ऐसी ही मांग की जा रही है।
05:49 AM Feb 04, 2020 IST | Desk Team
दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की छोटी-बड़ी सभाओं में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग गूंज रही है। कहीं नेताओं के सामने पार्टी कार्यकर्ता यह मांग कर रहे हैं तो कहीं पर जनता आवाज बुलंद कर रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि इससे पता चलता है कि पार्टी का कोर वोटर अब जनसंख्या नियंत्रण कानून चाहता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीते सोमवार को कड़कड़डूमा के सीबीडी ग्राउंड की रैली में भी भीड़ ने ‘जनसंख्या नियंत्रण करो’ जैसे नारे लगाए। हुआ दरअसल यूं कि जब रैली में प्रधानमंत्री मोदी ‘आजादी के बाद पहली बार अपनी सरकार में हुए 30 कार्यों’ को गिना रहे थे तभी मीडिया गैलरी के पीछे खड़ी भीड़ ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर तेज आवाज में नारेबाजी शुरू कर दी।
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बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की ही रैली नहीं बल्कि दिल्ली में नुक्कड़ सभाएं करने में जुटे अन्य नेताओं के सामने भी पार्टी कार्यकर्ता और आम जनता से ऐसी ही मांग की जा रही है। लोगों का कहना है कि देश में सभी समस्याओं की जड़ जनसंख्या विस्फोट है। जब सरकार अनुच्छेद 370 हटा सकती है, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) ला सकती है तो फिर जनसंख्या नियंत्रण कानून जैसा साहसिक कदम क्यों नहीं उठा सकती।
हाल में उप्र के मुरादाबाद दौरे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत भी छोटे परिवार की वकालत कर चुके हैं। इस मामले में बीजेपी के ही नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय की एक याचिका कोर्ट में लंबित है और उस पर सरकार से भी जवाब तलब हो चुका है।
खास बात है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब दिसंबर में नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) को लोकसभा में पेश करने जा रहे थे तब उससे पहले उनके आवास पर हुई पार्टी के राष्ट्रीय सचिवों की बैठक में भी इस कानून की मांग उठ चुकी है। सीएए आने के बाद से बीजेपी के अंदरखाने यह चर्चा रही है कि मोदी सरकार का अगला कदम कॉमन सिविल कोड और जनसंख्या नियंत्रण कानून होगा। माना जा रहा है कि जिस तरह से पार्टी की सभाओं में यह मुद्दा उठ रहा है, उससे आगे चलकर सरकार इस दिशा में कदम उठा सकती है।
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