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रेप के मामलों में No.1 है राजस्थान? गहलोत के मंत्री का विवादित बयान, बोले- मर्दों का प्रदेश है... इसका क्या करें

क्या राज्य में पुरुषों के प्रभुत्व को बलात्कार अपराध में शीर्ष स्थान का कारण बताया जा सकता है? राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार इसका उत्तर ‘हां’ है।

11:21 AM Mar 10, 2022 IST | Desk Team

क्या राज्य में पुरुषों के प्रभुत्व को बलात्कार अपराध में शीर्ष स्थान का कारण बताया जा सकता है? राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार इसका उत्तर ‘हां’ है।

क्या राज्य में पुरुषों के प्रभुत्व को बलात्कार अपराध में शीर्ष स्थान का कारण बताया जा सकता है? राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के अनुसार इसका उत्तर ‘हां’ है। मंत्री ने अपने इस विवादास्पद बयान से हड़कंप मचा दिया है, जो उन्होंने राजस्थान को बलात्कार अपराध में नंबर एक होने का ‘कारण समझाने’ के लिए दिया था। धारीवाल ने कहा, बलात्कार के मामलों में हम नंबर एक हैं, अब इन बलात्कार के मामलों के क्या कारण हैं? कहीं न कहीं गलती है। उन्होंने कहा, वैसे भी राजस्थान मर्दों का राज्य रहा है, अब इसका क्या किया जाए।
गहलोत के मंत्री ने दिया विवादित बयान
उनकी टिप्पणी ने कई मंत्रियों और कांग्रेस विधायकों को हंसाया। बुधवार की रात विधानसभा में पुलिस और जेलों की अनुदान की मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे धारीवाल को किसी ने बीच में नहीं रोका। धारीवाल ने कहा, बलात्कार के मामलों को देखें, बलात्कार और हत्या के साथ बलात्कार के आंकड़े अलग हैं। हत्या के साथ बलात्कार में राजस्थान 11वें नंबर पर है। हत्या के साथ बलात्कार में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है। मध्य प्रदेश दो पर है, असम तीसरे नंबर पर, महाराष्ट्र चौथे नंबर पर, उड़ीसा पांचवें नंबर पर है।
मंत्री ने बताया बलात्कार के मामलों में क्यों आगे है राजस्थान 
उन्होंने कहा कि रेप के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है, इसमें कोई शक नहीं है। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश, तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश, पांचवें नंबर पर असम और छठे नंबर पर हरियाणा है। इस बारे में बीजेपी ने गलत आंकड़े दिए हैं जिसे सुधारा गया है। हैरानी की बात यह है कि धारीवाल ने यह बयान तब दिया जब सरकार में तीन महिला मंत्री हैं। जिस समय संसदीय कार्य मंत्री ने बयान दिया उस समय विपक्षी विधायक सदन में मौजूद नहीं थे। धारीवाल ने जैसे ही जवाब देना शुरू किया, भाजपा विधायक सदन से बहिर्गमन कर चुके थे और विपक्ष की गैरमौजूदगी में दिए गए बयान पर किसी ने आपत्ति नहीं की थी।

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