कोरोना काल में जनता का सहारा बनने की बजाय बोझ बन गई है यूपी सरकार: अखिलेश
अखिलेश यादव ने शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ”यह सरकार जनता का सहारा बनने की बजाय उस पर बोझ बन गई है।”
05:41 PM May 15, 2021 IST | Desk Team
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ”यह सरकार जनता का सहारा बनने की बजाय उस पर बोझ बन गई है।”
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अखिलेश ने शनिवार को एक बयान में दावा किया, ”शहरों के बाद प्रदेश के गांवों में संक्रमण तेजी से फैलने लगा है और मौत का कहर बरपा रहे संक्रमण पर शासन-प्रशासन जानकर अनजान बन रहा है।” यादव ने आरोप लगाया, ”भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री अपनी नाकामी छुपाने के लिए सफलता का झूठा ढिढ़ोरा पीटने में लगे हैं। गांवों में ताबड़तोड़ हो रही मौतों से दहशत व्याप्त है और मुख्यमंत्री के बनाए गए प्रभारी मंत्री लापता हैं।”
इसी कड़ी में यादव ने कहा, ”मेरठ के प्रभारी मंत्री तो पिछले दिनों दो घंटे सर्किट हाउस के एसी कमरे में बैठकर चले गए। उन्होंने नातो जनता की तकलीफें सुनी और नाहीं अस्पतालों का निरीक्षण किया, भाजपा सरकार और उनके मंत्रियों की संवेदनहीनता अमानवीय स्तर पर पहुंच गई है।”
उन्होंने कहा, ”गांवों में संक्रमण बढ़ने का कारण यह है कि भाजपा सरकार दवाई, जांच, डॉक्टर तथा टीके का कोई इंतजाम नहीं कर पा रही है, गांवों में स्वास्थ्य का ढांचा भाजपा सरकार ने पहले से ही ध्वस्त कर दिया है और जिन पर लोगों के इलाज की जिम्मेदारी है वे हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।”
सपा अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि ”मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के कहर से हाहाकार मचा हुआ है और अधिकारी आंकड़ों पर पर्दा डालने के खेल में लगे हुए हैं। गोरखपुर की ग्राम पंचायतों में 46 हजार ग्रामीण खांसी, बुखार की चपेट में हैं और प्रशासन सिर्फ 764 की संख्या बताकर अपनी नाकामी छुपा रहा है।”
उन्होंने कानपुर, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, गोंडा आदि कई जिलों में हालात बेकाबू होने का दावा करते हुए कहा, ”चारों ओर हाहाकार है लेकिन लोगों की चीखें भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री के कानों तक नहीं पहुंच रही हैं। वे अपनी मानवीय संवेदना खो चुके हैं। गंदी राजनीति और झूठे प्रचार की जोर पर वे स्वयं को सफल मान रहे है। जनता उन्हें किस नजर से देख रही है, इसका अंदाजा उन्हें 2022 के चुनाव में लगेगा।”
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