आज ही के दिन Irfan Pathan के कारनामे ने पाकिस्तान को किया था ढेर, गूंजा था पठान - पठान
बाएं हाथ के भारतीय तेज गेंदबाज Irfan Pathan को शायद ही कोई नहीं जानता हो, टीम इंडिया के लिए खेलते हुए उनके नाम बहुत सारे रिकॉर्ड दर्ज हैं जो काफी कम समय में दर्ज किये थे। आपको बता दूं कि लगभग 9 साल तक इरफान भारतीय टीम के अहम सदस्य थे। इसी दौरान उन्होनें 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ खेलते हुए टेस्ट मैच के पहले ओवर में ही हैटट्रिक लेते हुए कप्तान को खुश कर दिए थे।
HIGHLIGHTS
- इरफान का ऐंट्री से लेकर बाहर जाने तक का सफर
- आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू 2003 में, 2006 में पाकिस्तान को किया था ढेर
- 2005 में भारतीय कोच ग्रेग चैपल Irfan Pathan के अंदर बल्लेबाज़ी का गुण देख उसे निखारा
आस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू 2003 में, 2006 में पाकिस्तान को किया था ढेर
27 अक्टूबर 1984 को जन्मे Irfan Pathan ने दिसंबर 2003 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया था, जहीर खान को चोट लगने के कारण Irfan Pathan को टीम इंडिया का बुलावा आया, जिसके बाद पठान ने उस मैच में 1 विकेट मैथ्यु हैडन के रूप में लिया था और 5 रन प्रति औवर के दर से 160 रन दिए थे। आपको बता दूँ आज के दीन ही पाकिस्तान के खिलाफ करांची में 29 जनवरी 2006 को भारत ने टॉस जीत कर गेंदबाजी करने का फैसला किया था, जिसके बाद गेंद Irfan Pathan को थमाया गया था और उन्होनें अपने पहले ही ओवर में हैटट्रिक लेकर धमाल मचा दिया था टेस्ट क्रिकेट के पहले ओवर में हैटट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए और अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया, टेस्ट क्रिकेट में हैट-ट्रिक लेने की सूची में पहले नंबर पर हरभजन सिंह का नाम शामिल है उसके बाद Irfan Pathan आते है।
इरफान का ऐंट्री से लेकर बाहर जाने तक का सफर
यह मैच उस सीरीज का तीसरा मैच था जिसमें भारत को हार मिली थी जिसके बाद भारत उस सीरीज को हार गया था, पठान के उस हैटट्रिक में पाकिस्तान के बल्लेबाज सलमान बट्ट, यूनिस खान, मोहम्मद यूसुफ शामिल थे। दरअसल Irfan Pathan अपनी गेंदबाजी के कारन उस वक्त टीम में चर्चित खिलाड़ी के तौर पर जाने-जाते थे पर वह लंबे वक्त तक अपना जलवा कायम नहीं रख पाए जिसके कारन उन्हें टीम में ज्यादा दीन बने रहने का मौका नहीं मिल पाया। इसी दौरान भारतीय टीम का हिस्सा 2005 में ग्रेग चैपल कोच के तौर पर बने और उन्होंने Irfan Pathan के अंदर बल्लेबाज़ी का गुण देख उसे निखारा जिसके बाद उन्हें एकदिविस्य में ओपनिंग बल्लेबाज़ी करने का मौका मिला और बल्लेबाज़ी में शानदार प्रदर्शन भी दिखाया। वह धीरे धीरे अपनी गति और स्विंग खोते गए जिस वजह से उन्हें 2006 में उन्हें टेस्ट और वनडे टीम से निकाल दिया गया, फीर उन्होनें 2007 के टी20 विश्व कप में वापसी किया था और फाइनल में जीत का हिस्सा रहे थे।