संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा की सचिन से की तुलना, बताई बड़ी खामी
भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर चाहते हैं कि रोहित शर्मा वैसे ही खेलें जैसे सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी किया करते थे। विराट कोहली के IND vs ENG दूसरे टेस्ट में न खेलने पर मांजरेकर का मानना है कि रोहित शर्मा को युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए बल्लेबाजी में लीडर की भूमिका निभानी होगी। हैदराबाद टेस्ट में रोहित केवल 24 और 39 रन ही बना सके, और भारत 231 रनों का पीछा करने में असफल होकर 28 रनों से मैच हार गया।
HIGHLIGHTS
- पहले टेस्ट में भारत 28 रन से हारा
- संजय मांजरेकर के अनुसार रोहित शर्मा को लीडर बनने की ज़रुरत
- मांजरेकर के अनुसार डिफेंसिव क्रिकेट के चक्कर में मिली हार
रोहित शर्मा को बैटिंग लीडर बनने की जरूरत है
सिर्फ विराट कोहली ही नहीं, भारत को IND vs ENG दूसरे टेस्ट में केएल राहुल और रवींद्र जडेजा की भी कमी खलेगी। इन दोनों ने बल्लेबाजी में अहम भूमिका निभाई है लेकिन उनकी चोटों के कारण भारत को युवाओं पर निर्भर रहना होगा। उस बैटिंग लाइन-अप में रोहित शर्मा एकमात्र सीनियर खिलाड़ी होंगे। मांजरेकर का मानना है कि यशस्वी जयसवाल के स्ट्राइक रेट में गिरावट की वजह पिच नहीं है, बल्कि वह दबाव में बिखर गए थे। यहीं पर रोहित शर्मा को आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहिए।
डिफेंसिव क्रिकेट के चक्कर में मिली शिकस्त
जहां इंग्लैंड ने भारत की प्रसिद्ध स्पिन तिकड़ी का मुकाबला करते हुए आक्रामक क्रिकेट खेला, वहीं भारत नौसिखिया आक्रमण के खिलाफ भी रक्षात्मक हो गया। संजय मांजरेकर का मानना है कि ये एक बड़ी गलती थी। यशस्वी जयसवाल पहली पारी में आक्रामक बल्लेबाज़ी करने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे, जिन्होंने 108.11 की स्ट्राइक-रेट से स्कोर बनाया।
“भारत ने एक बार फिर से ज्यादा डिफेंसिव क्रिकेट खेलने की गलती कर बैठा। जब आपके पास यशस्वी जयसवाल, शुभमन गिल या श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी हों, जो अपनी आक्रामक शैली के लिए जाने जाते हैं, तो किसी भी स्थिति की परवाह किए बिना उन्हें अपना स्वभाविक खेल खेलना चाहिए था। वह आक्रामक शैली के साथ अधिक सहज हैं। भले ही भारत इस रणनीति का पालन करते हुए एक मैच हार गया हो, लेकिन फैंस को यह समझने की जरूरत है कि टीम ने अपनी ताकत के अनुसार खेलने की कोशिश की।