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दिन के उजाले में बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता: नया अध्ययन

दिन के उजाले से बढ़ती है न्यूट्रोफिल्स की शक्ति: अध्ययन

05:19 AM May 26, 2025 IST | IANS

दिन के उजाले से बढ़ती है न्यूट्रोफिल्स की शक्ति: अध्ययन

दिन के उजाले में बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता  नया अध्ययन

एक नए अध्ययन से पता चला है कि दिन का उजाला हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है। ऑकलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने पाया कि न्यूट्रोफिल्स, जो सबसे ज्यादा पाई जाने वाली रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं हैं, दिन के उजाले में अधिक सक्रिय होती हैं। यह खोज नई दवाओं के विकास की संभावनाएं खोलती है जो संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकती हैं।

एक शोध टीम ने यह पता लगाया है कि दिन का उजाला हमारे शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत को बढ़ा सकता है। ऑकलैंड विश्वविद्यालय के वाइपापा तौमाता राऊ के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है यह खोज बताती है कि ऐसी दवाइयां बनाई जा सकती हैं जो हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली की मदद कर सकें, खासकर एक विशेष प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाओं को मजबूत बनाकर, जिन्हें ‘न्यूट्रोफिल्स’ कहा जाता है।

शोधकर्ताओं ने न्यूट्रोफिल्स पर ध्यान दिया, जो हमारे शरीर में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली रोग प्रतिरोधक कोशिकाएं हैं। ये कोशिकाएँ संक्रमण वाले स्थान पर बहुत जल्दी पहुँचती हैं और हानिकारक बैक्टीरिया को मार देती हैं। यह खोज न्यूट्रोफिल में सर्कैडियन क्लॉक को टारगेट करके संक्रमणों से लड़ने की उनकी क्षमता को बढ़ाने वाली दवाओं के विकास का मार्ग प्रशस्त करती है।

इस शोध में वैज्ञानिकों ने ज़ीब्रा फिश नामक एक छोटी मछली का इस्तेमाल किया। यह एक मीठे पानी की मछली है और इसकी बनावट इंसानों से काफी मिलती-जुलती है। साथ ही इसके शरीर के अंदर की गतिविधियों को आसानी से देखा जा सकता है।

आणविक चिकित्सा और पैथोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस्टोफर हॉल ने बताया कि पहले के अध्ययनों में देखा गया था कि मछलियों की रोग प्रतिरोधक शक्ति सुबह के समय सबसे ज्यादा सक्रिय रहती है। उन्हें लगता है कि यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, क्योंकि दिन के समय जीव ज्यादा सक्रिय रहते हैं और उस समय संक्रमण होने की संभावना भी ज्यादा होती है।

वैज्ञानिक यह समझना चाहते थे कि शरीर की यह प्रतिक्रिया दिन के उजाले के साथ कैसे तालमेल बनाती है। साइंस इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित इस नए अध्ययन में पाया गया कि न्यूट्रोफिल्स में एक जैविक घड़ी होती है, जो दिन का समय पहचानती है और बैक्टीरिया को मारने की उनकी ताकत बढ़ा देती है।

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हमारे शरीर की ज्यादातर कोशिकाओं में ऐसी घड़ी होती है, जो उन्हें बताती है कि बाहर क्या समय चल रहा है। यह घड़ी दिन-रात के हिसाब से शरीर के कामों को नियंत्रित करती है। इसमें सबसे बड़ा असर रोशनी का होता है। क्रिस्टोफ़र हॉल के अनुसार, “क्योंकि न्यूट्रोफिल्स सबसे पहले किसी संक्रमण या सूजन वाली जगह पहुँचते हैं, इसलिए यह खोज कई तरह की बीमारियों के इलाज में मददगार हो सकती है।” अब शोधकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि प्रकाश न्यूट्रोफिल्स की इस जैविक घड़ी को किस तरह प्रभावित करती है।

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